राहुल गांधी को नया पासपोर्ट जारी करने पर सुब्रमण्यम स्वामी को है आपत्ति
(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से नये पासपोर्ट के लिए दाखिल की गई अर्जी पर बुधवार (23 मई) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को शुक्रवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में एक आरोपी हैं, जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी शिकायतकर्ता हैं।
राहुल गांधी ने क्यों किया है अदालत का रुख
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने कहा कि क्योंकि यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और अदालत ने गांधी के यात्रा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था, इसलिए उन्होंने किसी अदालत से अनुमति लिये बिना कई बार यात्रा की है।
अदालत ने राहुल गांधी की अर्जी पर सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की है। मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने कहा कि गांधी को दिसंबर 2015 में जमानत देते हुए अदालत ने उनकी यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि अदालत ने राहुल गांधी की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने संबंधी स्वामी के अनुरोध को तब खारिज कर दिया था। राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज लौटा दिए थे।
राहुल गांधी ने ‘सामान्य पासपोर्ट’ हासिल करने के लिए नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट पाने के मकसद से अदालत का रुख किया है। राहुल गांधी की वकील तरन्नुम चीमा अधिवक्ताओं निखिल भल्ला और सुमित कुमार के साथ पेश हुईं। उन्होंने कांग्रेस नेता को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने का अनुरोध किया, ताकि वह एक नया पासपोर्ट हासिल कर सकें।
कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी सुनने के लिए दी तारीख
मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने हालांकि कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी को आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने का अधिकार है। अदालत ने समय मांगने के बाद स्वामी को 26 मई तक अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी। मजिस्ट्रेट ने कहा कि वह उसी दिन इस मामले में दलीलें सुनेंगे।
नेशनल हेराल्ड मामला सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ स्वामी की एक निजी आपराधिक शिकायत पर आधारित है, जिसमें उन पर धोखाधड़ी, साजिश और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है।
एक अदालत ने नौ दिसंबर, 2015 को उन्हें जमानत देते हुए कहा था कि आरोपी प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और इस बात की कोई आशंका नहीं है कि वे भाग जायेंगे। स्वामी ने उन पर अब बंद हो चुके अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व हासिल करने में धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।