सुप्रीम कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सभी पक्षों को अगस्त तक तैयारी करने को कहा..
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से सटी शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे पर फिलहाल रोक जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सर्वे पर रोक का अपना अंतरिम आदेश आगे बढ़ा दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को पांच अगस्त को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस विवाद से संबंधित मूल मुकदमे में चल रही सुनवाई पर कोई रोक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें शाही ईदगाह मस्जिद में कोर्ट की निगरानी में सर्वे के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने गत 16 जनवरी को हाई कोर्ट के 14 दिसंबर 2023 के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद में कोर्ट की निगरानी में सर्वे का आदेश दिया गया था।
मुकदमे हाई कोर्ट स्थानांतरित करने के आदेश को चुनौती
इसके अलावा कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मथुरा की जिला अदालत में लंबित सभी मुकदमे इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करने के हाई कोर्ट के 26 मई, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है।
सोमवार को ये सभी मामले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगे थे। हाई कोर्ट में लंबित वाद की सुनवाई पर कोई रोक नहीं
पीठ ने मामले की सुनवाई अगस्त तक टालते हुए सभी पक्षों को तब तक प्लीडिंग यानी उत्तर प्रति उत्तर दाखिल करने का काम पूरा करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस बीच सभी अंतरिम आदेश जारी रहेंगे।
जब मंदिर पक्ष की ओर से पेश वकील ने कहा कि हाई कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई होनी है और वहां मंदिर पक्ष के शाही ईदगाह मस्जिद पर दावे के मूल मुकदमे की सुनवाई योग्यता का मामला लंबित है तो सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि हाई कोर्ट में लंबित वाद की सुनवाई पर कोई रोक नहीं है। भगवान कृष्ण की प्रतिमा के साथ सुप्रीम कोर्ट परिसर पहुंचे
सोमवार को मंदिर पक्ष की ओर से एक पक्षकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय भगवान कृष्ण की प्रतिमा के साथ सुप्रीम कोर्ट परिसर पहुंचे।
ट्रस्ट ने भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह आदि की तरफ से अलग से एक मुकदमा निचली अदालत में दाखिल कर रखा है जिसमें मांग है कि ईदगाह मस्जिद को हटाकर सारा परिसर कृष्ण जन्मस्थान को सौंपा जाए। यह मुकदमा फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है। इसकी सुनवाई योग्यता पर 16 अप्रैल को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है