कश्मीर पर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बताया प्रचार का हथकंडा, लगाया 50 हजार का जुर्माना
(शशि कोन्हेर) : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कश्मीर समस्या के समाधान की मांग वाली याचिका को प्रचार का हथकंडा बताते हुए याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। याचिकाकर्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेश मुशर्रफ द्वारा तैयार चार सूत्रीय फार्मूले के आधार पर कश्मीर मसले को सुलझाने की मांग की थी।
याचिका पर सुनवाई की इच्छुक नहीं थी कोर्ट
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह आइआइटी-बांबे के स्नातक प्रभाकर वेंकटेश देशपांडे की याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है। देशपांडे ने याचिका में यह भी कहा था कि कश्मीर समस्या का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।
देशपांडे ने सिंह और मुशर्रफ के जिस तथाकथित फार्मूले के आधार पर समस्या के समाधान की वकालत की थी, उसमें स्वायत्तता, साझा नियंत्रण, विसैन्यीकरण और खुली सीमा शामिल है और जिस पर आगे बातचीत की जा सकती है।
याचिकाकर्ता पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना
पीठ ने कहा कि अदालत नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है और यह याचिका प्रचार का हथकंडा से ज्यादा कुछ नहीं है। शुरुआत में ही पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील अरुप बनर्जी से कहा कि वह इस तरह की याचिकाओं से अदालत का समय बर्बाद करने के लिए उस पर जुर्माना लगाएगी।
पीठ ने कहा, ‘बेशक, हम आपको सुनेंगे, लेकिन हम आपको यह नोटिस भी दे रहे हैं कि हम जुर्माना लगाएंगे।’ पीठ ने कुछ देर की सुनवाई के बाद कहा कि वह याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है और याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया।