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डीके शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका….CBI की FIR रद्द करने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की याचिका सोमवार खारिज कर दी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती।

पीठ ने कहा, ‘माफ कीजिए। इसे खारिज किया जाता है।’ शीर्ष अदालत शिवकुमार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच आय के अपने ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। वह उस दौरान तब की कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। सीबीआई ने तीन सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिवकुमार ने 2021 में उच्च न्यायालय में प्राथमिकी को चुनौती दी थी।

कर्नाटक की सरकार ने 28 नवंबर को सीबीआई द्वारा जांच की मंजूरी को वापस लेने का आदेश दिया था। वहीं 26 दिसंबर को मामले को लोकायुक्त के हवाले कर दिया था। सीबीआई ने इन दोनों सरकारी आदेशों पर भी अंतरिम रोक की मांग की थी. सीबीआई के साथ ही बेजीपी विधायक बासनागौड़ा पाटिल यतनाल ने भी हाई कोर्ट में यही मांग की। इसके बाद 5 जनवरी 2024 को सिंगल जज की बेंच ने मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया।

दरअसल कर्नाटक में बीजेपी की सरकार के दौरान शिवकुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके बाद जब मई 2023 में सरकारी बदली तो जांच की अनुमति वापस ले ली गई। कांग्रेस का कहना था कि एफआईआर 2020 में दर्ज की गई वहीं उससे पहले ही केस सीबीआई को सौंप दिया गया था।

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