छत्तीसगढ़

आवारा कुत्तों को खाना खिलाया जाए या नहीं….इस पर 16 को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

(शशि कोन्हेर) : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह बांबे हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 नवंबर को सुनवाई करेगा, जिसमें निर्देश दिया गया था कि नागपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों का कोई भी नागरिक सार्वजनिक स्थानों, बगीचों आदि में आवारा कुत्तों को न तो खाना खिलाएगा और न ही इसका प्रयास ही करेगा।

हाई कोर्ट ने 20 अक्टूबर को यह भी निर्देश दिया था कि यदि कोई व्यक्ति आवारा कुत्तों को खिलाने में रुचि रखता है, तो वह पहले कुत्ते को गोद लेगा, उसे (अपने) घर लाएगा, उसे नगर निगम के अधिकारियों के साथ पंजीकृत कराएगा या किसी कुत्ते के आश्रय गृह में रखेगा, ‘फिर सभी प्रकार से उसकी व्यक्तिगत देखभाल करते हुए इसे खाना खिला सकता है।’

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ के समक्ष जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि आदेश में कुछ संशोधनों की आवश्यकता हो सकती है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की।

हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अतीत में अधिकारियों ने आवारा कुत्तों के उपद्रव को नियंत्रित करने की दिशा में कुछ कदम उठाए थे, लेकिन वे इस समस्या को खत्म करने या कम करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में खासकर राष्ट्रीय राजधानी से सटे इलाको में कुत्तों से संबंधित कई मामले सामने आए हैं। कई सोसायटी में कुत्तों के आक्रामक होने की घटनाएं लगातार सामने आई। कई जगहों पर कुत्ते ने लोगों को काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं पार्क के साथ सार्वजनिक जगह जाने में डरने लगे थे।

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