तेजस्वी यादव डाक्टरों की संस्था आइएमए पर बरसे…..पूछा- ड्यूटी से गायब रहने वालों पर क्यों नहीं बोलते
पटना – पटना स्थित नालंदा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के अधीक्षक को निलंबित करने के मामले पर तेजस्वी यादव ने अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को खूब खरी-खोटी सुनाई है। बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों एनएमसीएच का रात के वक्त निरीक्षण किया था और खामियां पाए जाने पर अधीक्षक को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
तेजस्वी यादव के निर्देश पर एनएमसीएच के अधीक्षक प्रो. डा. विनोद कुमार सिंह को निलंबित करने के साथ ही प्रो. डा. रेणु रोहतगी को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। डाक्टरों की संस्था आइएमए इस फैसले का विरोध कर रही है और आंदोलन की चेतावनी दे रही है। आइएमए ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप की मांग की है।
पटना के गांधी मैदान में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि एनएमसीएच के अधीक्षक को यह जानकारी नहीं थी कि डेंगू वार्ड कहां है। ऐसे में उन्हें निलंबित नहीं किया जाएगा तो और क्या किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आइएमए गलत कार्य वाले डॉक्टर का पक्ष ले रहा है। उसे ईमानदार डॉक्टरों का पक्ष लेना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में तैनात 705 डॉक्टर वर्षों से गायब थे। अस्पताल में नहीं आते थे। इनमें कई 12 साल, कोई 7 साल से अस्पताल नहीं आते थे। ऐसे डॉक्टरों पर के बारे में आइएमए में क्यों नहीं बोलता है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि आइएमए में डॉक्टरों का संगठन है। डॉक्टरों का बचाव करेगा। लेकिन हम इस पर ध्यान भी नहीं दे रहे हैं। हमें जनता चुनी है। जनता के लिए मैं कार्य कर रहा हूं। डॉक्टरों को कार्य करना पड़ेगा। किसी का बचाव नहीं किया जाएगा। ईमानदारी से कार्य करने वाले को पुरस्कृत भी किया जाएगा।