बिलासपुर में आवारा कुत्तों का आतंक…सिम्स में फरवरी माह में 1588 लोगों ने कुत्ते के काटने का इलाज कराया, होली के दूसरे दिन 92 लोग डॉग बाइट का इलाज कराने पहुंचे
(दिलीप जगवानी के साथ जयेंद्र गोले) : हैदराबाद में हुई एक दर्दनाक घटना में आवारा कुत्तों ने चार साल के एक बच्चे को नोंच-नोंचकर मार डाला. घटना सीसीटीवी में भी क़ैद हुई. इस घटना के बाद भी छत्तीसगढ़ में कुत्तों से बचाव के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है हर गली मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आतंक है घर से बाहर निकलते ही लोग इधर उधर नजर दौड़ाने लगते हैं कि न जाने कोई कुत्ता कब उस पर झपट्टा मार दे.
गली से लेकर सड़कों पर खतरा मौजूद है. आलम य़ह है कि लोगों को सड़क दुर्घटना से ज्यादा भय आजकल कुत्तों का सता रहा है. य़ह सच भी है. मोहल्ले मे हर चौथा शख्स आवारा कुत्ते का किसी न किसी रूप मे शिकार हुआ है.सरकारी अस्पतालों मे dog bites के मरीजों की भीड़ ने यहां स्टाफ को हैरान कर दिया है. अकेले सिम्स मेडिकल कालेज मे फ़रवरी महिने मे 1588 लोगों ने कुत्ते से काटने का इलाज कराया.
सीनियर स्टाफ नर्स अराधना दास कहती हैं शरीर पर गहरा ज़ख्म लेकर पहुंचे लोगों को देखकर आवारा कुत्तों के आक्रमक रुख का अंदाजा लगाया जा सकता है. होली के अगले दिन सर्वाधिक 92 लोग डाग बाईट लगवाने पहुंचे थे.
कुत्ते के लार मे मौजूद वायरस इंसान के खून मे मिलने पर जान लेवा हायड्रो फोबिया रोग हो जाता है जिसमें मौत तय है. हादसे से कई परिजन सकते मे है परिवार मे बच्चे और बुजुर्ग को लेकर सदस्य विशेष एहतियात बरत रहे लेकिन कुत्तों की धमक घर की चौखट तक होने लगी है. राह चलते वक्त ये कब आपके पैर या हाथ पर नुकीले दांत गड़ा दे पता नही. स्कूल से आते जाते बच्चों की सुरक्षा परिवार को करनी होगी. अगर कुत्ते के काटने से गहरा ज़ख्म बनता है ऐसी स्थिति में खून की संपर्क में वायरस आने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए डॉग बाइट के साथ ही इम्यूनो ग्लोल्यूलिन इंजेक्शन लेना बेहद जरूरी है. य़ह हाइड्रोफोबिया से बचाव में कारगर साबित होता है.हाल ही में बिलासपुर नगर निगम ने 10 अरब से ज्यादा का बजट पास किया हैं लेकिन विडंबना देखिए नागरिक सुरक्षा और शहर मे चारो तरफ घूम रहे इन आवारा कुत्तों पर लगाम कसने कोई प्रबंधन नहीं किया गया.