बिलासपुर

रतनपुर-बेलगहना रोड पर हुई दुर्घटना ने, बिलासपुर में फॉरेंसिक जांच और पुलिस विवेचना के गुणवत्ता की खोल दी पोल.. पुलिस कहती रही कि तीन मौतें हुई हैं जबकि 4 की हुई थी मौत

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। रतनपुर बेलगहना रोड पर शनिवार की रात को हुई कार दुर्घटना में जलकर मरने वाले कार सवारों के शरीर के अवशेषों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस के उस दावे को गलत साबित कर दिया है जिसमें यह कहा जा रहा था कि इस दुर्घटना में केवल 3 लोगों की मौत हुई है। दुर्घटना की खबर मिलने के बाद रविवार को सुबह पुलिस के अधिकारी और फॉरेंसिक जांच टीम के सदस्य मौके पर पहुंचे। और इनके द्वारा निकाले गए निष्कर्ष के आधार पर ही पुलिस ने इस दुर्घटना में शाहनवाज खान अभिषेक कुर्रे और याशिका मनहर इन तीनों की कार के भीतर ही जलने से मौत होने की बात कही गई। पुलिस के द्वारा दी गई सूचना के कुछ देर बाद घटनास्थल पर पहुंचे लोगों और कोरबा से बिलासपुर पहुंचे एनटीपीसी कर्मी सीएल आदित्य ने दावा किया कि उनकी बेटी विक्टोरिया आदित्य भी इसी कार में सवार थी और उसकी भी इसी हादसे में जलकर मौत हो गई है। इस तरह इस दुर्घटना में तीन लोगों की नहीं वरन चार लोगों की कार के भीतर जिंदा जलने से मौत होने का दावा किया गया।

लेकिन पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे अपने अधिकारियों की विवेचना और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की राय के आधार पर देर रात तक इस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत होने की बात को खारिज करती रही। पुलिस के अधिकारी इसी बात पर अड़े रहे कि इस दुर्घटना में केवल 3 लोगों शाहनवाज खान अभिषेक कुर्रे और याशिका मनहर की ही मौत हुई है। उधर कार में सवार होने के कारण आग में जलकर मरने वाली विक्टोरिया आदित्य के पिता रतनपुर थाने में बैठकर यह दावा करते रहे कि उनकी बेटी की भी मौत इसी दुर्घटना में हुई है। उनका कहना था कि कार में मिली मृतकों की अस्थियां और पिछली सीट पर मिली एक चाबी इस बात का सबूत थी कि विक्टोरिया आदित्य भी इस कार में सवार थी‌। जिसकी बाद में अन्य तीन कार सवारों की तरह जलकर मौत हो गई। कार में मिली यह चाबी विक्टोरिया आदित्य के गया बिहार स्थित मकान के ताले की होने की बात सीएल आदित्य के द्वारा कही गई। श्री सीएल आदित्य ने हमारे साथ हुई बात में साफ कहा कि वह डीएनए जांच और पोस्टमार्टम समेत हर तरह की जांच कराने को तैयार हैं। वे बार-बार इस बात पर अड़े रहे कि इसी कार में उनकी लड़की की भी जलने से मौत हो गई।

आज पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि कार में एक नहीं दो युवतियां सवार थी। कार में जो अवशेष मिले हैं उनमें दो युवतियों के अंग हैं। पीएम रिपोर्ट से यह सच्चाई उजागर होने के बाद पुलिस को अपनी उस विवेचना और फॉरेंसिक जांच की ही, गंभीरता से जांच करनी चाहिए जिसके आधार पर देर रात तक पुलिस के अधिकारी इस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत होने से सरासर इनकार करते रहे। फॉरेंसिक जांच और विवेचना के गलत निष्कर्ष से यह आशंका बलवती हो गई है कि बिलासपुर में हो रही आपराधिक घटनाओं में पुलिस की विवेचना और फॉरेंसिक जांच का अगर ऐसा ही हाल होता होगा तो आरोपियों को गिरफ्तार करने के इरादों का भगवान ही मालिक है।

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