छत्तीसगढ़बिलासपुर

लगातार हर माह हो रहे लंबे के घाटे के कारण कहीं फिर से बंद ना हो जांए  बिलासपुर की सिटी बसें..!

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। जनता के लगातार दबाव के कारण कोरोना काल और मेंटेनेंस के अभाव में खटारा होकर बंद पड़ी बिलासपुर की सिटी बस सेवा को किसी तरह फिर से, ले देकर शुरू किया गया था। लेकिन जानकारी मिल रही है कि इस सिटी बस सेवा को लगातार हर माह लंबा घाटा उठाना पड़ रहा है। सवारियों की कमी, प्रचार का अभाव और दूसरी तरह की लापरवाहियों के कारण सिटी बसों को पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल पा रहे हैं।

इसके कारण बसों को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है। सिटी बस सेवा को शुरू हुए 2 महीने हो चुके हैं। पहले महीने में इस सेवा को लगभग दो लाख 50 हजार के आसपास नुकसान हुआ था। इस बाबत मिली अपुष्ट जानकारी के अनुसार जनवरी माह में इस सेवा को दो लाख का नुकसान हुआ है। यही हाल फरवरी का है इस महीने में भी सिटी बस सेवा कुल मिलाकर घाटे में चल रही है। इस स्थिति की चिंता और समीक्षा तथा हालात में सुधार लाने के लिए कलेक्टर और निगमायुक्त को संबंधित मातहतों के साथ बैठकर इस पर चर्चा करनी चाहिए।

क्योंकि अगर सिटी बसें इसी तरह निरंतर हर माह में दो ढाई लाख के घाटे में चलेगी तो (इनका मेंटेनेंस कैसा होगा) इसका संचालन कब तक बनाए रखा जा सकता है..? इस समय बिलासपुर में लगभग 60 सिटी बसें हैं। जिनमें से लगभग 30 सिटी बसें अभी ऑन रोड चलने की जानकारी मिली है। इन बसों के जरिए बिरकोना खुटाघाट कोटा घुट्कु बरतोरी बिल्हा चकरभाठा मल्हार कोटा रतनपुर और तखतपुर आदि स्थानों पर सस्ती और सुलभ यात्रा करने की सुविधा दी जा रही है।

लेकिन शायद प्रचार-प्रसार नहीं होने से इन सिटी बसों को पर्याप्त संख्या में पहले की तरह यात्री नहीं मिल रहे हैं। अगर यही स्थिति बनी रही तो आगे जाकर लगातार होने वाले घाटे के चलते सिटी बसों के फिर से बंद होने का खतरा पैदा हो जाएगा। जानकारी मिली है कि अभी केवल रतनपुर और तखतपुर जाने वाली सिटी बसें यात्री मिलने के कारण कुछ फायदे में चल रही हैं।

बाकी सभी सिटी बसें निरंतर घाटे में चल रही हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि जिला प्रशासन और नगर निगम इस समस्या का कोई “तोड़” निकालेंगा। जिससे ना केवल अभी ऑन रोड चल रही थी सिटी बसों को फायदे में लाया जा सके वरन डिपो में कबाड़ की तरह पड़ी अन्य तीस सिटी बसों को भी कायाकल्प कर बिलासपुर की सड़कों पर दौड़ाया जा सके।

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