कस्टम मिलिंग के धान को राईस मिल मालिक ने निजी व्यापारी को बेच दिया,कलेक्टर ने मिल मालिक को थमाया नोटिस..
बिलासपुर : कस्टम मिलिंग के लिए दिए गए धान को एक राईस मिलर्स ने दूसरे व्यापारी को बेच दिया। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान इसे रंगे हाथ पकड़ लिया। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर खाद्य विभाग ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए राईस मिलर्स को नोटिस जारी किया है।
उन्हें दो दिवस में समक्ष में उपस्थित होकर जवाब मांगा गया है। अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई के साथ – साथ उनका पंजीयन भी निरस्त किया जायेगा। मामला बिल्हा ब्लॉक के ग्राम केशला स्थित मेसर्स शंकर राईस प्रोडक्ट का है। राइस मिल के मालिक और संचालक मनोज अग्रवाल पिता राजाराम अग्रवाल हैं।
खाद्य नियंत्रक बिलासपुर द्वारा मिल के संचालक को जारी नोटिस में कहा गया है कि आपके द्वारा संचालित राईस मिल खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के कस्टम मिलिंग हेतु पंजीकृत है।
जिसके परिपेक्ष्य में आपको दिनांक 16 दिसंबर 2024 को उपार्जन केन्द्र सेवांर से 280 क्विंटल धान उठाव हेतु डी०ओ० कमांक 002024124001839 जारी हुआ था। जिसके विरूद्ध आपके द्वारा दिनांक 03 जनवरी 2025 को वाहन क्रमांक सीजी 04 एलजेड 7978 के द्वारा धान का उठाव किया गया।
दिनांक 03 जनवरी 2025 को राजस्व विभाग तहसील-बिल्हा के अधिकारियों द्वारा ग्राम बरतोरी वि०ख०-बिल्हा स्थित ओम ट्रेडर्स की जाँच की गई, जहाँ से आपके मिल हेतु जारी डी०ओ० के विरूद्ध उठाव किये गये 280 क्विंटल धान (700 कट्टी) धान को वाहन कमांक सीजी 04 एलजेड 7978 से खाली कराया जा रहा था एवं वाहन चालक भी मौके से फरार था।
इस प्रकार आपके द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित शासकीय धान का निजी व्यापारी को विक्रय जाना प्रमाणित होता है।
आपका उपरोक्त कृत्य छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 का उल्लंघन है एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दण्डनीय अपराध की श्रेणी का कृत्य है। अतः आपके उपरोक्त कृत्य हेतु क्यो न आपके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत् अभियोजनात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने एवं आपके संस्थान को वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग कार्य से पृथक रखने की कार्यवाही की जावे।
उपरोक्त संबंध में आप अपना जवाब 2 दिवस के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करें। जवाब प्राप्त न होने की दशा में आपके विरूद्ध एकपक्षीय कार्रवाई की जावेगी।