मुंगेली

राजनीति के ठेकेदार, बढ़ावा दे रहे है भ्रष्टाचार..नेताओ के हस्तक्षेप से निलंबित राशन दुकान हुआ बहाल….

Advertisement

(मोहम्मद अलीम) : मुंगेली – जिला मुख्यालय से लगे सुरीघांट पंचायत में पीडीएस दुकान का संचालन करने वाली महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा गड़बड़ी की शिकायत पंचायत व हितग्राहियों के द्वारा एसडीएम से की गई जिसपर खाद्य विभाग के द्वारा जांच की गई जिसमें शिकायत की सत्यता पाए जाने पर मुंगेली एसडीएम नवीन कुमार भगत के द्वारा दुकान को निलंबित कर दिया गया लेकिन भ्र्ष्टाचार के इस खेल पर लगाम लगाने की बजाय कुछ राजनैतिक नेता हस्तक्षेप कर संरक्षण देने का काम कर रहे है यहाँ तक कि अधिकारियों को दबाव डालकर निलबिंत दुकान को बहाल करने पर अड़ियल रूख बनाए हुए है यही वजह है कि मुंगेली एसडीएम नवीन कुमार भगत के द्वारा भ्र्ष्टाचार के खेल पर महज औपचारिकता निभाते हुए दंड शुल्क लगाकर भ्र्ष्टाचार करने वाले समूह को बहाल कर दिया गया है।

Advertisement
Advertisement

दरअसल सुरीघांट पंचायत में लाकडाउन के वक्त सरकार द्वारा मिले राहत राशन समाग्री पर राशन दुकान संचालित करने वाली माँ आदि शक्ति स्वयं सहायता समूह के संचालक द्वारा गबन करने सहित 7 बिंदुआ पर शिकायत एसडीएम से की गई जिसपर मुंगेली एसडीएम नवीन कुमार भगत के द्वारा खाद्य विभाग से जांच टीम गठित की गई जिसमें खाद्य निरीक्षक सुशील टण्डन द्वारा जांच किया गया जिसपर हितग्राहियों व पंचायत बॉडी के बयान पर शिकायत पर सत्यता को देखते हुए 25 जून 2021 को माँ आदिशक्ति स्वयं सहायता समूह को निलंबित करते हुए राशन दुकान को देवगांव राशन दुकान में संलग्न कर दिया गया।

Advertisement

वही जब दुकान का संचालन करने के लिए देवगांव राशन दुकान को प्रभार दिया गया उस वक्त भी बड़ी मात्रा में राशन की कमी पाई गई थी…यानी राशन दुकान संचालक के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार करके हितग्रहियों के राशन पर डाका डाला गया साथ ही ऐसे पीडीएस दुकान संचालित करने वाले संचालक को कुछ राजनैतिक नेता द्वारा काली करतूत को संरक्षण देने का काम कर रहे और कई दिनों से अधिकारियों पर दबाव बनाकर राशन दुकान को बहाल करने पर अड़े है सोचिए जरा की भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले ऐसी मानसिकता के राजनीति नेता कैसे होंगे और हैरानी की बात यह है कि ऐसे लोगो के दबाव में आकर मुंगेली एसडीएम द्वारा इस दुकान को महज दंड शुल्क लेकर बहाल करने का आदेश जारी कर दिया गया।

Advertisement

एसडीएम द्वारा पीडीएस दुकान को बहाल करने के बाद पूरे पंचायत बॉडी व हितग्रहियों में बेहद आक्रोश है, ऐसे में पंचायत के पदाधिकारियों व हितग्राही सड़क पर उतने की तैयारी में है वही हितग्रहियों का साफतौर पर कहना है की जब जांच में गबन सिद्ध हो चुका है तो महज दंड शुल्क देकर बहाल करना कितना जायज है जबकि दुकान को नियम के अनुसार निरस्त किया जाना था। बहरहाल गबन करने वाले लोगो को जब कुछ राजनैतिक नेता का संरक्षण व उनके हा में हा मिलाने वाले अधिकारी मिल जाए तो फिर खुलेआम लोगो को भ्रष्टाचार की छूट मिलना लाजमी है और कार्रवाई के नाम पर महज औपचारिकता होने पर प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद खत्म हो जाएगी।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button