(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर: एक ओर नगर निगम के अधिकारी ठेले, गुमटी वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर यही अधिकारी उसलापुर रोड के दोनों किनारों पर बेजा कब्जा करने वाले रसूखदारों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। एक बार फिर तहसीलदार के आदेश पर अब सड़क के दोनों किनारों की जमीन का सीमांकन का कार्य शुरू किया गया है।
शहर की बेसकीमती जमीन पर करीब 35 से 40 लोगों का कब्जा है, जिसे अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रशासन की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नगर निगम ने पहले हरी चटनी रेस्टोरेंट को खुलने के साथ ही तोड़ दिया। वहीं, अन्य कब्जाधारियों को जमीन खाली करने नोटिस दिया। हालांकि, निगम की नोटिस के बाद आसपास के कुछ लोगों ने दुकानें खाली कर दी। जबकि, कई ऐसे रसूखदार जिन्होंने बंगला बना लिया है।
उन्होंने कार्रवाई रोकने राजनीतिक एप्रोच लगाना शुरू कर दिया। मंगला से उसलापुर जाने वाली सड़क से निगम को बेजा कब्जा हटाना है लेकिन रखूखदारों पर कार्रवाई करने से हाथ कांप रहे हैं। आखिरकार एक बार फिर इस सड़क के किनारों की जमीन का सीमांकन कराया जा रहा हैं।
बिलासपुर तहसीलदार अतुल वैष्णव ने बताया कि सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए टीम बनाई गई थी। कब्जे का सीमांकन के साथ ही मार्किंग हो चुकी है। सीमांकन के बाद एक-दो दिन में रिपोर्ट नगर निगम को विधिवत सौप दी जाएगी।
दरअसल, जिस जगह सड़क की चौड़ाई कम है, वहां की जमीन पर रसूखदारों का अवैध कब्जा है, जिसे अब तक खाली नहीं कराया जा सका है। नर्मदा नगर से लेकर आगे की जमीन में मिनोचा कॉलोनी के हिस्सों के साथ ही पेट्रोल पंप, बंगला और दुकानें बना ली गई है। अब सीमांकन रिपोर्ट निगम को सौपने के बाद निगम इन कब्जाधारियों पर कब कार्यवाही करती है,ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।