छत्तीसगढ़

चोरी के आरोपी दंपति को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी सोनू अग्रवाल ने की थी पैरवी….

(आशीष मौर्य) : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर की न्यायाधीश श्रीमती सीमा कंवर ने गृह शांति पूजा कराने के बहाने घर से 5 लाख रुपये चोरी करने के मामले में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई।

यह मामला 15 फरवरी 2019 का है। प्रार्थी धनीराम बंजारे, निवासी दीप्ति विहार कॉलोनी, जांजगीर, ने अपने घर में शांति पूजा कराने के लिए आरोपी मंगलू पटेल को आमंत्रित किया था। मंगलू पटेल अपनी पत्नी जानकी बाई, साथी सुनील पटेल और दिलेश्वर गोस्वामी के साथ प्रार्थी के घर पहुंचा। पूजा के दौरान आरोपियों ने घर का निरीक्षण कर नकली पूजा की। बाद में आरोपियों ने प्रार्थी से कहा कि घर में धन रुकावट का दोष है, और घर में मौजूद नकदी को एक स्थान पर इकट्ठा कर शयनकक्ष के दीवान में रखने को कहा।

आरोपियों ने प्रार्थी और उसकी पत्नी को शयनकक्ष के बाहर भेजकर अंदर पूजा करने का नाटक किया। कुछ देर बाद उन्होंने कमरे को कुछ दिन तक बंद रखने की सलाह देकर वहां से चले गए।

प्रार्थी को शक होने पर उसी दिन उसने शयनकक्ष का दरवाजा खोला और दीवान में रखे 5 लाख रुपये गायब पाए। घटना की शिकायत थाना जांजगीर में की गई, जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 380 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान पुलिस ने चोरी की रकम बरामद कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

मामले में गवाहों की सुनवाई और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने मंगलू पटेल, उसकी पत्नी जानकी बाई, सुनील पटेल और दिलेश्वर गोस्वामी को दोषी ठहराया। न्यायालय ने चारों को धारा 380 के तहत 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न चुकाने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान भी दिया गया।

शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एस. अग्रवाल ने पैरवी की।

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