एक साथ 26 बंदरों की मौत हादसा नहीं हत्या थी, मारने वाले पकड़े गए
(शशि कोन्हेर) : हापुड़ में गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में गुड़ में जहर देकर 26 बंदरों की मौत कोई हादसा नहीं बल्कि हत्या का मामला था। लखनऊ तक इसकी गूंज होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और बंदरों की हत्या करने वालों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने यह भी बताया कि बंदरों की कैसा हत्या की गई। इस हत्या के पीछे के कारणों का भी खुलासा हो गया है।
पुलिस ने बंदरों की हत्या के आरोप में दो किसानों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने बंदरों को दीमक मारने वाला जहरीला पाउडर गुड़ में मिलाकर खिला दिया था। दोनों के पास से जहरीला पाउडर भी बरामद कर लिया गया है। दोनों ने बताया कि खेतों में बंदरों द्वारा किए जा रहे नुकसान से गुस्से में आकर दोनों किसानों ने गुड़ में दीमक की दवाई मिलाकर बंदरों को खिला दी थी।
अपर पुलिस अधीक्षक मुकेश चंद मिश्रा ने बताया कि 15 मई को थाना गढ़मुक्तेश्वर पुलिस को सूचना मिली कि झड़ीना की तरफ जाने वाली नहर की पटरी पर 26 बंदर मृत पड़े हुए हैं। जिनके पास ही एक अखबार के टुकड़े पर कुछ गुड़ रखा हुआ मिला। मामले की जांच हुई तो दोनों किसानों के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद गढ़ के गांव शाहपुर चौधरी निवासी कपिल चौहान व लाला उर्फ रोहताश को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी कपिल चौहान और लाला उर्फ रोहताश की 3-3 बीघा गन्ने की खेती घटनास्थल के पास स्थित है। बुवाई के तुरन्त बाद ही बंदरों ने उनकी फसल बर्बाद कर दी थी। कई वर्षों से बंदरों द्वारा उनके खेतों में निरन्तर नुकसान किया जा रहा था। भगाने पर बंदर काटने को दौड़ते थे। इन्हीं सब बातों के चलते दोनों किसान काफी परेशान थे।
लखनऊ तक पहुंच गया था मामला
26 बंदरों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंच गया था। इस मामले में शासन द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी और पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई थी। पशु चिकित्सा विभाग ने पोस्टमार्टम कर जहर से मौत होना दर्शाकर बंदरों का बिसरा और जहरीला गुड़ बरेली भेज दिया था। मामले के तीन दिन बाद भी वहां का प्रशासन ज्यादाकुछ नहीं कर रहा था। वन विभाग ने 26 मृत बंदरों को दफना कर इतिश्री कर ली थी। शासन से सख्ती होने पर पुलिस एक्टिव हुई औऱ दोनों किसानों को पकड़ा गया।
उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रंजन के अनुसार मध्य गंगनहर की पटरी पर सोमवार की सुबह मिले 19 मृत बंदरों का पोस्टमार्टम किया गया। जहरीला पदार्थ खाने से बंदरों की मौत हुई। बंदरों का बिसरा और जहरीला गुड़ बरेली परीक्षण के लिए भेजा गया। बिसरा रिपोर्ट एक सप्ताह में आएगी।