बिलासपुर

तखतपुर में विकास के दावों को चिढा रही है चनाडोंगरी, देवरीखुर्द और भिलौनी गांव तक जाने वाली जर्जर और बदकिस्मत सड़क, जिले में सर्वाधिक जर्जर है ये सड़कें

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। इस सवाल का जवाब देना थोड़ा कठिन होगा कि ग्राम पंचायत देवरीखुर्द चना डोंगरी कथाकोनी जूनापारा और भिलौनी गांव तक जाने वाली सड़कें यह आप बता रही हैं कि तखतपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास किस तेज गति से हो रहा होगा। अभी सूखे मौसम में जिन गांवों तक पहुंचने वाली सड़के इतनी जर्जर कीचड़ से लथपथ और गड्ढों भरी है कि उस पर चलना मुश्किल है तब बारिश के मौसम में क्या होता होगा। तखतपुर शहर में भले ही विकास के दीपक दीपक टिमटिमा रहे होंगे लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख गांव में सड़कों की हालत विकास के खोखले नारों से भी कई गुना अधिक जर्जर है।

ग्राम पंचायत देवरी खुर्द से चनाडोंगरी तक काठाकोनी जूनापारा से भिलौनी गांव तक जाने वाली सड़क को बिलासपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र की सर्वाधिक उपेक्षित और जर्जर सड़क कहा जा सकता है। सड़क से जुड़े गांव के लोगों को इस बात का अफसोस है कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बेलपान और खबरी में लोगों से भेंट मुलाकात करते रहे। अगर वे सड़कों के कारण हलाकान इन गांवों में से किसी भी एक गांव में गए होते तो यहां की करमफूटही सड़कों की किस्मत संवर सकती थी। लेकिन मुख्यमंत्री इन गांव की बजाय बेलपान और खपरी चले गए। अब पता नहीं इन गांव की अभागी सड़कों के हालात कितने साल बाद सुधरेंगें। चनाडोंगरी गांव की आबादी 6000 देवरीखुर्द की आबादी 3000 वही भिलौनी गांव की आबादी लगभग ढाई हजार है। इस तरह कुल मिलाकर 10000 से भी अधिक आबादी वाले इन गांव की सड़क पूरी तरह जर्जर होकर चलने लायक नहीं रह गई है। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि इसे उपेक्षित बनाए हुए हैं। यह साफ दिख रहा है कि अगर आने वाले 4 महीनों में यह सड़क बन जाएगी तब तो इन गांवों के लोगों को कुछ राहत मिल सकती है। वरना आने वाली बरसात में इन सड़कों का क्या होगा इसका अंदाजा उनकी अभी की जर्जर हालत को देखकर लगाया जा सकता है।

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