रायगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी को परवाह नहीं है कलेक्टर के आदेश की….
(शशि कोन्हेर) : रायगढ़/ जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ द्वारा कलेक्टर के आदेश को रोकते हुए मौखिक उपस्थिति दर्ज करा कर 2 वर्षों से वेतन आहरण कर गंभीर आर्थिक अनियमितता उजागर
जिला कलेक्टर रायगढ़ द्वारा 31 अगस्त 2020 को समग्र शिक्षा राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत जिले में पदस्थ सभी बीआरपी का स्थानांतरण किया गया था कलेक्टर के आदेश पर समस्त बी .आर .पी. अपने -अपने स्थानांतरित स्थान पर पदभार ग्रहण किए वही बीआरसी कार्यालय खरसिया में पदस्थ बीआरपी श्रीमती अनुसूईया पांडे को धर्मजयगढ़ बीआरसी कार्यालय के लिए कार्यमुक्त किया गया था ।
श्रीमती पांडे कार्यमुक्त होने के बाद बीआरसी कार्यालय धर्मजयगढ़ मैं आज तक ज्वाइन नहीं की इसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी आर .पी. आदित्य और संचालक समग्र शिक्षा रमेश कुमार देवांगन द्वारा श्रीमती पांडे का मौखिक आदेश से बीआरसी कार्यालय खरसिया में उपस्थिति दर्ज करा कर पिछले 2 साल से वेतन का आहरण किया जा रहा है, जो अत्यंत गंभीर आर्थिक अनियमितता को दर्शाता है ।श्रीमती पांडे पिछले 13 वर्षों से बीआरसी कार्यालय खरसिया में पदस्थ है हर बार की तरह इस बार भी पैसों का लेनदेन कर कलेक्टर के आदेश को भी दरकिनार किया गया । एक बार फिर जिला शिक्षा अधिकारी आरपी आदित्य और संचालक समग्र शिक्षा रमेश कुमार देवांगन द्वारा 24 मार्च 2022 को एक आदेश निकालते हुए अपरिहार्य कारण का हवाला देकर कलेक्टर के आदेश को रोकते हुए श्रीमती पांडे का स्थानांतरण आदेश को निरस्त करने का आदेश पारित किया है श्रीमती पांडे पिछले लगभग 2साल से अपने नए स्थानांतरित स्थान पर पदभार ग्रहण नहीं किया और बिना पदभार ग्रहण किए जिला शिक्षा अधिकारी और समग्र शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से प्रतिमाह वेतन आहरण किया जाना सिविल प्रक्रिया संहिता एवं छत्तीसगढ़ स्थानांतरण नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ा कर आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से भी की गई है।