कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में मुकुल वासनिक की एंट्री से माहौल हुआ रोचक
(शशि कोन्हेर) : सोनिया गांधी से डेढ़ घंटे की लंबी मुलाकात के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की तो दिग्विजय ¨सह ने चुनावी फार्म हासिल कर नामांकन करने का एलान किया। इसके बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष की उम्मीदवारी को लेकर चल रहा असमंजस खत्म नहीं हुआ है। पार्टी में मुकुल वासनिक के तीसरे उम्मीदवार बनने को लेकर चर्चा गर्म है जिससे यह चुनाव सियासी थ्रिलर बन गया है।
नामांकन का आखिरी दिन बेहद अहम
सोनिया और गहलोत की मुलाकात के बाद पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के इस बयान ने असमंजस और बढ़ा दिया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री पर हाईकमान अगले दो दिन में निर्णय लेगा और अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी पर अंतिम तस्वीर शुक्रवार को नामांकन के आखिरी दिन ही साफ होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पहले ही नामांकन फार्म ले चुके हैं। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने तीन दिन पहले नामांकन फार्म हासिल किया था और साफ कहा था कि उनके चुनाव लड़ने का सवाल नहीं है।
वासनिक को संगठन का लंबा अनुभव
ऐसे में यह चर्चा है कि बंसल का लिया गया यह फार्म तीसरे उम्मीदवार यानी वासनिक के नामांकन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो फिर वासनिक पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी हो सकते हैं। कांग्रेस महासचिव वासनिक दलित समुदाय के हैं। उन्हें संगठन का लंबा अनुभव है और अन्यों के मुकाबले वे अपेक्षाकृत युवा हैं।
नेतृत्व पर जताया भरोसा
वासनिक की गहलोत और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी से हुई मुलाकातों को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। वासनिक के अलावा इस कड़ी में एक और नाम राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का है। गौरतलब है कि वासनिक भी पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह में थे लेकिन शुरुआत में ही उन्होंने भूल सुधार करते हुए नेतृत्व पर भरोसा जता दिया था।
गहलोत ने खुद को वफादार सिपाही बताया
सोनिया ने जयपुर में विधायकों के विद्रोह की असहज स्थिति के बाद मुलाकात के लिए गहलोत को प्रतीक्षा करा कर अपनी नाराजगी का संदेश पहले ही दे दिया था। इसे भांपते हुए गहलोत ने भी इसको लेकर सोनिया से माफी मांगी।