छत्तीसगढ़

समाज के दुष्कारने पर एक साथ आत्महत्या करने वाले प्रेमी जोड़े को “चिता की आग”ने मिलाया…

(शशि कोन्हेर) : दंतेवाड़ा : 18 साल के मंटू और 17 साल की लड़की एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। समाज ने नहीं स्वीकारा। दोनों ने जंगल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अब उन्हीं दोनों का मिलन एक ही चिता पर हो रहा है। उनका अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया।

ये हकीकत है दंतेवाड़ा के गीदम के जावंगा में पढ़ने वाले दो बच्चों की। दोनों 12 वीं पढ़ते थे। एक दूसरे से पिछले काफी समय से प्रेम संबंध में बंधे हुए थे। दोनों एक ही गांव के थे, हालांकि दोनों की पढ़ाई अलग अलग स्कूलों में थी।

उनके साथ जुड़े लोगों का कहना है कि वे बचपन से एक दूसरे को जानते थे। एक दूसरे के साथ खेलकर बड़े हुए, लेकिन ऐसा होगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।

कुछ दिन पहले से दोनों के घरों में तनाव भी चल रहा था। दोनों के घरों में कोई भी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं था। लिहाजा, मनमुटाव रोजाना का किस्सा था।

दोनों के परिवार एक ही जगह पर रहने के कारण संबंधों में भी तनाव चल रहा था। बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ रहा था। घरवाले राजी नहीं थे और बच्चे इन सब चीजों को देख रहे थे।

दोनों बच्चे एक दूसरे से बाहर मिलते रहते थे। पिछले दो दिनों से काफी टेंशन में चल रहे थे। परिजनों के साथ साथ समाज का भी दबाव बढ़ने लगा था। उसके साथ के लोग बताते हैं कि मंटू इसे लेकर काफी बातें करता था।

दोनों बच्चों पर परिजन पढ़ाई के लिए दबाव बना रहे थे। परिजन चाहते थे कि बच्चे फिलहाल सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे। बच्चे इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। आखिरकार बच्चों ने फांसी लगाने का फैसला कर लिया और जंगल जाकर फांसी लगा ली।

इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। गीदम SDOP आशारानी ने बताया कि शुरुआती जांच में प्रेम-प्रसंग का मामला सामने आया है। फिलहाल जांच की जा रही है।

मजाक में कहा था-मरकर तो एक हो सकते हैं

उसके साथ के जुड़े लोग चर्चा कर रहे थे कि जीते जी हमें एक नहीं होने दे रहे। सोचता हूं मर जाऊं। लेकिन मजाक मजाक में ही ये बातें होती थीं। सोचा नहीं था कि इसे लेकर वो इतनी गंभीरता से सोच रहा है। दोनों के बीच बहुत अच्छे संबंध थे। वो चाहते थे कि हमेशा एक दूसरे के साथ रहें, लेकिन इस तरह वे एक दूसरे के साथ रहना चाहते थे कोई नहीं जानता था।

जब एक ही चिता में दोनों को लिटाया, हर आंख भीग गई
गांव वालों ने जिन बच्चों को अपने सामने पलते बढ़ते देखा, वो आज उनके सामने चिता पर लेटे थे। गांव का हर आदमी यही कह रहा था कि इन बच्चों की आखिरी ख्वाहिश मिलन की थी, इसलिए इन्हें अलग अलग न किया जाए। इनका अंतिम संस्कार एक साथ किया जाए। हुआ भी वही। चिता सजी। दोनों को एक साथ लिटाया गया और जब मुखाग्नि दी गई तो कई आंखों में आंसू थे।

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