दुर्ग जिले के अमलेश्वर में हुई हत्या और लूट की वारदात में शामिल चारों आरोपी 24 घंटे में धरे गए.. दुर्ग एसपी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया…
(शशि कोन्हेर) : दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के तिरंगा चौक अमलेश्वर में हुए हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। इस वारदात में चार आरोपी शामिल है। चारों आरोपी वाराणसी से पकड़े गए। यहां सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। बता दे की गुरुवार दिनांक 20 अक्टूबर 2022 को एक ज्वैलरी दुकान (समृध्दि ज्वेलर्स) के संचालक सुरेन्द्र सोनी की दुकान में घुस कर दिनदहाड़े निर्मम हत्या कर दी गई थी।
आरोपियों द्वारा दुकान से ज्वेलरी की लूट भी की गई थी। इस सनसनीखेज वारदात से इलाके में तनाव का माहौल था। जिससे शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना शुरु हो गया था। आस पास के लोग घबराए हुए थे और व्यापारी संघ में काफी आक्रोश था। घटना के बाद पुलिस तुरंत आरोपियों की तलाश में जुट गई थी।
दुर्ग पुलिस ने एक दिन में ही बड़ी कामयाबी पाते हुए चारों आरोपियों को बनारस से गिरफ्तार कर लिया। हत्या के पीछे कौन मास्टरमाइंड है और हत्या का क्या मोटिव था। इन सभी प्रश्नों का उत्तर आज दुर्ग पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मीडिया को दिया। दुर्ग पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा आज कंट्रोल रूम में किया।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, 20 अक्टूबर को समृद्धि ज्वेलर्स के संचालक सुरेंद्र सोनी की हत्या चारों आरोपियों ने कर दी थी। गोली मारकर वारदात को अंजाम दिया गया था। समृद्धि ज्वेलर्स के संचालक की हत्या करने के बाद चारों आरोपियों ने ज्वेलरी शॉप का सामान भी पार कर दिया था। दुर्ग पुलिस को कई अहम सुराग मिले थे।
इससे पहले पत्रकारों के सामने एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने आरोपियों से पूछताछ की। एक हाथ कटे आरोपी सौरभ कुमार सिंह ने खुद को भाजपा सांसद का भतीजा बताया। उसने कहा कि उसके मौसा सुशील कुमार सिंह औरंगाबाद बिहार के सांसद है। वहीं मामले के मुख्य आरोपी और पहले भी दो मर्डर कर चुके आरोपी अभिषेक झा ने कहा कि वो लोग सिर्फ लूट के इरादे से वहां गए थे। सौरभ और अभय कुमार उर्फ बाबू ने शराब के नशे में गोली मार दी।
मामले के मुख्य आरोपी अभिषेक झा ने बताया कि वह 22 अक्टूबर 2021 को रायपुर जेल से फरार हुआ था। वह यहां हत्या और लूट की वारदात को अंजाम दे चुका है। उसने बताया कि वो रायपुर और उसके आसपास के क्षेत्र के जानता था। कुछ महीने पहले ही सौरभ और अभय कुमार उर्फ बाबू से उसकी पहचान हुई थी। तीनों ने मिलकर लूट की घटना को अंजाम देने का प्लान बनाया।
अभिषेक ने उन्हें बताया कि रायपुर के आसपास कुछ एरिया को वह अच्छे से जानता है और वहां लूट की घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसके बाद उन लोगों ने रायपुर में मिलने का प्लान बताया। 18 अक्टूबर को अभिषेक अपनी दिल्ली पासिंग कार से रायपुर पहुंचा। उसके साथ उसका ड्राइवर आलोक कुमार भी था। यहां सौरभ और अभय कुमार झारखंड पासिंग बाइक से पहुंचे। चारों ने मिलकर कई दिन तक रेकी की।
रायपुर और आसपास के कई सराफा दुकानों को उन्होंने देखा, लेकिन वहां काफी भीड़ रहने से वह लोग अमलेश्वर आ गए। यहां तिरंगा चौक स्थित बजरंग काम्पलेक्स में सुरेंद्र सोनी की समृद्धि ज्वेलर्स काफी खाली दुकान दिखी। इसके बाद इन्होंने एक दिन इसकी रेकी। 20 अक्टूबर को दोपहर सौरभ कुमार और बाबू बाइक से सुरेंद्र सोनी की दुकान गए। वह लोग शराब के नशे में थे। उनका कहना है कि उन्होंने सुरेंद्र सोनी का सिर पटका तो वह चिल्लाया। इससे वह लोग घबरा गए और उसके ऊपर एक के बाद एक कई फायर कर दिए।
ऐसा कहा जा रहा था कि आरोपी अभिषेक झा ने कुछ महीने पहले ही एक लड़की से शादी किया था। उसका हाथ भी इस मामले में बताया जा रहा था। एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि घटना के समय वह महिला बनारस में थी। उसका इस मामले में कोई भी संलिप्तता नहीं पाई गई है।
आरोपी अभिषेक झा ने बताया कि जिस देशी कट्टे से फायर किया गया वह उसी के थे। उसे बिहार में एक दोस्त ने दिया था। उसने बताया कि बिहार में आज भी इस तरह के हथियार मिलना आम बात है। जब्त कट्टे में एक कट्टा ऐसा था जिसे देखकर एसपी अभिषेक पल्लव ने भी कहा कि ये किसी पिस्टल से कम नहीं है। ऐसा लग रहा मानों किसी आर्म्स फैक्ट्री में उसे बनाया गया हो।
एसपी दुर्ग ने बताया कि उक्त कार्यवाही में एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट के निरीक्षक संतोष मिश्रा, सउनि शमित मिश्रा, पूर्ण बहादुर, आरक्षक शहबाज खान, विक्रांत यदु, कोमल राजपूत, आरपीएफ वाराणसी के निरीक्षक अंजुलता द्विवेदी, आरक्षक रमेष यादव का आरोपियों की घेराबंदी कर पकड़ने में विशेष योगदान रहा।
तकनीकी साक्ष्य एकत्र एवं सीडीआर एनालिसिस करने में प्रधान आरक्षक एसीसीयू चन्द्रषेखर बंजीर का योगदान रहा। पूरे प्रकरण को सुलझाने में एसीसीयू एवं दुर्ग जिले के चुनिंदा पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान रहा। एसपी ने पूरी टीम को 10 हजार रुपए और आईजी बीएन मीणा की तरफ से भी ईनाम दिए जाने की घोषणा की है।