बिल्हा के स्वास्थ्य विभाग में अब भी चल रहा है अटैचमेंट का खेल….
(धीरेंद्र मेहता) : बिलासपुर – बिल्हा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और दवाओं की कमी के कारण लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए, बिल्हा के बीएमओ एसके गुप्ता ने एक नया तरीका अपनाया है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर और आरएमए की मदद से अस्पताल को चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
हालांकि, इस फैसले से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है, क्योंकि दागोरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर रवीना सोनवानी और ग्रामीण चिकित्सा सहायक शैलेंद्र श्रीवास्तव को बिल्हा में अटैच कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों को जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए भटकना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि बिल्हा के बीएमओ का यह फैसला लापरवाही और मनमानी का परिचायक है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और दवाओं की कमी के कारण पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं खराब हैं, और अब इस फैसले से स्थिति और भी बदतर हो गई है।