आज तड़के सुबह ब्रह्म मुहूर्त पर खुले भगवान श्री बद्री विशाल (बद्रीनाथ) के द्वार
(शशि कोन्हेर) उत्तराखंड में आज भगवान बदरी विशाल के कपाट ब्रह्म मुहूर्त पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इससे पहले केदारनाथ के कपाट खुल चुके हैं. बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही अब तीर्थयात्री प्रदेश के चारों धामों के दर्शन कर सकेंगे। जानकारी के मुताबिक कपाट खुलने से पहले हजारों की संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुंचे हैं. इसके साथ ही तीर्थयात्री आसपास के इलाकों में पहुंचे हैं और जहां से वह आज भगवान बदरी विशाल के दर्शन करेंगे. इससे पहले बाबा केदारनाथ और गंगोत्री और यमनोत्री के भी कपाट खुल चुके हैं. आज बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम के मंदिरों के कपाट खुल चुके हैं।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त पर सुबह 6:15 बजे खोले गए थे और अगले छह महीने तक मंदिर में श्रद्धालु भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे. आज इस पावन अवसर को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं. आज सुबह बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही धाम जय बदरीनाथ के जयकारों से गूंज उठा और धाम में सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से पूजा और महाभिषेक किया गया. इसके साथ ही उनकी ओर से विश्व कल्याण और स्वास्थ्य की भावना से पूजा और महाभिषेक समर्पित किया गया।
शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बद्री मंदिर से बद्रीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बद्रीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों के नेतृत्व में भगवान उद्धव जी की डोली और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और तेल कलश यात्रा (गड़ऊ घड़ा) बदरीनाथ धाम पहुंची थी।
कुबेर जी की डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव पहुंची और कुबेर जी की डोली ने रविवार सुबह 5 बजे बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, बद्रीनाथ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के साथ-साथ बीकेटीसी के अन्य कर्मचारियों और तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दीस्थल और गड़ू घड़े पर माल्यार्पण कर बद्री विशाल के जयकारों के साथ ही उनका स्वागत किया।
आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले बाबा केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल चुके हैं. 6 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खुले जबकि 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे।कोरोना कम होने के कारण इस बार चार धाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है क्योंकि आने वाले दिनों में पंजीयन पहले से ही फुट हैं।