इलेक्ट्रिक बाइक में आग लगने को लेकर सरकार चौकस… तय किए जाएंगे कड़े मापदंड
(शशि कोन्हेर ) : इलेक्ट्रिकल व्हीकल में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार बैटरी के कड़े मानक तय करने जा रही है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस संबंध में जल्द ही नए दिशानिर्देश जारी करने की तैयारी में है, जिसका पालन सभी ईवी और बैटरी निर्माताओं के लिए अनिवार्य होगा। इस साल चार महीने में 38 से अधिक ईवी में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ईवी में लगने वाली आग को गंभीरता से लेते हुए पूरी मामले की जांच का आदेश दिया था।
नए दिशानिर्देश जारी करने का फैसला
सरकार के कड़े रुख को देखते हुए ईवी निर्माताओं ने सात हजार से अधिक वाहनों को वापस भी मंगाया, ताकि उसकी खामियों का दूर किया जा सके। वहीं विशेषज्ञों से सलाह-मशविरे के बाद आग की घटनाओं के लिए बैटरी की गुणवत्ता और मानकीकरण में कमी प्रमुखता से उजागर हुई। इसके बाद मंत्रालय ने बैटरी के मानकीकरण और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया।
टेस्टिंग की पुख्ता प्रणाली नहीं
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फिलहाल देश में बैटरी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टेस्टिंग की पुख्ता प्रणाली नहीं है। बैटरी की टेस्टिंग करने के लिए आटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया और इंटरनेशनल सेंटर फार आटोमोटिव टेक्नोलाजी नामक दो ही एजेंसियां हैं। बैटरी निर्माता अपनी बैटरी को जांच के लिए इनमें से किसी एक एजेंसी के पास भेजते हैं। खास बात यह है कि बैटरी का निर्माण भी उसी गुणवत्ता का हो रहा है जो टेस्ट के लिए भेजी गई थी, इसकी जांच के लिए भी कोई सिस्टम नहीं है।
गुणवत्ता की टेस्टिंग की जा सकती है अनिवार्य
नए दिशानिर्देश में निर्माण स्थल पर जाकर बैटरी की गुणवत्ता की टेस्टिंग की अनिवार्यता की जा सकती है ताकि तय मानक के अनुरूप ही सभी बैटरी का उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके। बैटरी की टेस्टिंग के मानक स्तर को भी बढ़ाने की तैयारी है। फिलहाल देश में बैटरी की टेस्टिंग के दो मानक है। एक एआइएस-048 टेस्ट है, जिसमें ओवर चार्ज, कंपन और झटका सहने की क्षमता की जांच की जाती है। हालांकि ये पुराना मानक है।
बैटरी टेस्टिंग का नया मानक
दुनिया में बैटरी टेस्टिंग का नया मानक एआइएस-156 आ गया है- जिसमें ओवर चार्ज, कंपन और झटका सहने की क्षमता के साथ-साथ बैटरी का मैकेनिकल ड्राप, मैकेनिकल शाक, फायर रेसिस्टेंस, एक्सटर्नल शार्ट सर्किट प्रोटेक्शन, ओवर डिस्चार्ज प्रोटेक्शन. ओवर टेम्पेरेचर प्रोटेक्शन, थर्मल शाक जैसे मानकों पर जांच की जाती है। भारत में भी कई कंपनियां नए मानक के अनुरूप बैटरी बना रही हैं। सरकार अब सभी बैटरी को एआइएस-156 मानकों के अनुरूप बनाने को दिशानिर्देश में शामिल कर सकती है। सभी बैटरी निर्माताओं के लिए इन दिशानिर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।