छत्तीसगढ़

आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल भाजपा प्रमुख की तरह बोल रही -कांग्रेस

(शशि कोन्हेर) : आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल द्वारा मार्च तक इंतजार करने को कहना बेहद ही दुर्भाग्यजनक है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित करवा कर राज्यपाल के पास भेजा है। राजभवन विधेयक को गये लगभग दो महीने होने वाले है तो राज्यपाल किस कारण से मार्च तक इंतजार करने की बात कह रही है? मार्च में ऐसा क्या होने वाला है।

जो विधेयक पर निर्णय मार्च में ही होगा? आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल का आचरण और बयान दोनों ही संवैधानिक मर्यादा के विपरीत है। राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख की भाषा बोल रही है उनके आचरण से ऐसा लग ही नहीं रहा कि वे संवैधानिक पद पर बैठी है। राज्यपाल भाजपा के पदाधिकारी की भाषा बोल रही है। राज्यपाल आरक्षण संशोधन विधेयक को रोककर प्रदेश के युवाओं और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस पार्टी से सीधा राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रही है। भाजपा प्रदेश में जनसमर्थन खो चुकी है इसीलिए अब राजभवन के पीछे छिपकर राज्य के जनहित के मुद्दों से संबंधित विधायको को रुकवाने का काम कर रही है।

प्रदेश के आरक्षित वर्ग, आदिवासी वर्ग, ओबीसी वर्ग, एससी वर्ग और ईडब्ल्यूएस दायरे में आने वाले वर्गों को अगर आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के अवसर रूके पड़े है तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार ने सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल करके उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस पर राज्यपाल को अविलंब हस्ताक्षर करना चाहिये। अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले।

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