बिलासपुर

अप्रेंटिस की मौत का मामला गरमाया…..मुआवजा मिला न आश्वसन, रेलवे अस्पताल के सामने दूसरे दिन भी विरोध

(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – बीसीएन डिपो में अप्रेंटिस की मौत को लेकर अब तक तनाव का माहौल है। रेलवे से मुआवजा मिला है न संतोषप्रद जवाब। इसलिए नाराज अन्य अप्रेंटिस मृतक के स्वजन के साथ रेलवे अस्पताल के सामने सड़क पर बैठे है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए आरपीएफ व पुलिस भारी संख्या में तैनात है।

बिलासपुर के रेलवे बीसीएन यार्ड में मंगलवार को महाराष्ट्र जलगांव के प्रसाद गजानन काले की करेंट लगने से मौत हो गई। इस घटना के लिए रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अप्रेंटिस काफी नाराज है। घटना के दिन जमकर हंगामा किए और मृतक के स्वजन को मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे। उम्मीद थी कि रेलवे उनकी मांग पर ठोस निर्णय लेकर मृतक के स्वजन का सहयोग करेंगी। लेकिन, रेलवे ने मुआवजा तो दूर आश्वसन तक नहीं दिया। इसके चलते रेलवे अप्रेंटिस कर रहे 250 से अधिक प्रशिक्षु मंगलवार से रेलवे अस्पताल के सामने डटे है। सुबह से विरोध देखकर रेल प्रशासन सकते में आ गया। किसी तरह विरोध, विवाद या तोड़फोड़ न हो जाए। इसी भय से जीएम व डीआरएम कार्यालय के सामने भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया। इसके अलावा अस्पताल परिसर में भी रेल सुरक्षा बल के जवानों की तैनातगी कर दी गई। यह जवान विरोध कर रहे लोगो को अस्पताल के बाहर रोककर गेट बंद कर दिया। इस पर प्रशिक्षु अस्पताल के सामने सड़क पर बैठ गए। हालांकि चक्काजाम जैसी स्थिति तो नहीं थी। लेकिन, भीड़ की वजह राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। घटना को 24 घंटे हो चुका है। इसके बाद भी रेलवे इस मामले में ठोस निर्णय नहीं ले सकेगी। इधर जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, उनका विरोध जारी रहेगा।

विरोध कर रहे प्रशिक्षु यह मांग करते रहे कि मामले को लेकर डीआरएम यहां पहुंचें और स्वजन से बात कर आश्वसन दें। वह बार- बार यहीं मांग करते रहे। इसके बाद भी डीआरएम नहीं पहुंचे। यहीं कारण है विरोध बंद नहीं हो सका है।

इस घटना से न केवल बिलासपुर बल्कि, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जिन – जिन जगहों पर अप्रेंटिस प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह सभी बुधवार को सुबह से बिलासपुर पहुंच गए। सभी घटना के विरोध का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, विरोध जारी रहेगा। घटना केवल रेलवे की लापरवाही की वजह से हुई है। उन्होंने कार्य के दौरान अप्रेंटिस को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाने का भी विरोध किया।

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