राम-कृष्ण की पूजा नहीं करने की शपथ लेंने का मामला गरमाया.. अरविंद केजरीवाल कर सकते हैं बड़ी कार्रवाई
(शशि कोन्हेर) : राम और कृष्ण भगवान नहीं और कभी इनकी पूजा नहीं करेंगे।’ दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की मौजूदगी में हजारों लोगों को दिलाई गई इस शपथ पर विवाद गहराता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपने मंत्री के इस कृत्य से काफी नाराज हैं।
बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार में पिछले 7 साल से मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का यह मामला गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी पार्टी के लिए समस्या का सबब बन सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस प्रकरण में कोई कड़ा फैसला भी ले सकते हैं।
पहले भी किया था विवादित ट्वीट
मालूम हो कि राजेंद्र पाल गौतम इससे पहले भी केजरीवाल सरकार की किरकिरी करा चुके हैं। नवंबर 2019 में उन्होंने भागवान राम और कृष्ण के वजूद पर सवाल उठाया था। राजेंद्र पाल गौतम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया – अगर यह बात प्रमाणित है कि राम और कृष्ण तुम्हारे पूर्वज हैं तो इतिहास में इनको पढ़ाया क्यों नहीं जाता। पूर्वजों का कोई इतिहास होता है, जबकि इनका कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है। यह पौराणिक कथाएं हैं, ऐतिहासिक नहीं जबकि पेरियार का दृष्टिकोण प्रामाणिकता और तार्किकता के आधार पर था।’ यह बात अलग है कि जब इस पर विवाद बढ़ा तो गौतम ने दावा कि किसी ने उनका अकाउंट हैक करके यह ट्वीट किया था।
इंटरनेट मीडिया पर हो रही है राजेंद्र पाल गौतम की आलोचना
करोल बाग के एक बौद्ध दीक्षा कार्यक्रम में हिंदू देवताओं की पूजा न करने और उन्हें न मानने को लेकर दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है। हालांकि इसकी लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं। राजनीतिक दलों से लेकर सामान्य नागरिक भी राजेंद्र पाल गौतम के वीडियों को साझा करते हुए आलोचना कर रहे हैं।
मंत्री पर कार्रवाई हो
ट्विटर पर विजय पटेल नामक शख्श ने लिखा कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के मंत्री राजेंद्र पाल उस कार्यक्रम में न सिर्फ गए बल्कि उस कार्यक्रम के आयोजक भी है। कहां है हनुमान भक्त मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल।
भाजपा का सवाल, क्यों राजेंद्र पाल गौतम होंगे बर्खास्त
भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आम आदमी पार्टी का असली हिंदू विरोधी चेहरा। यह संयोग या हिंदुओं को गाली देने या दंगा भड़काने की एकमात्र घटना नहीं है। हमने देखा है कि कैसे केजरीवाल ने राम मंदिर का विरोध किया और दिल्ली दंगों के मास्टमाइंड ताहिर हुसैन का समर्थन किया। क्या वह राजेंद्र पाल गौतम को बर्खास्त करेंगे।