फीफा वर्ल्ड कप के मैचों में रेफरी बनने का पुरुषों का एकाधिकार समाप्त, फ्रांस की स्टीफनी फ्रेपार्ट सहित ये दो महिलाएं भी बनीं रेफरी
(शशि कोन्हेर) : फीफा वर्ल्ड कप के मैचों में रेफरी बनने के मामले में पुरुषों का एकाधिकार समाप्त हो चुका है। अब महिलाओं ने भी इस क्षेत्र में अपने मजबूत कदम रख दिए हैं।
ग्रुप लेवल के गेम में कोस्टा रिका और जर्मनी के बीच खेले जा रहे मुक़ाबले में गुरुवार को ये इतिहास रचा है.
फ्रांस की स्टीफ़नी फ़्रैपार्ट फ़ुटबॉल विश्व कप में पहली महिला रेफ़री होंगी.
पिछले मंगलवार को जब मेक्सिको और पोलैंड के बीच मैच खेला गया था तो उन्हें चौथे अधिकारी के तौर पर नॉमिनेट किया गया था. इस टूर्नामेंट में एक महिला को अधिकारी के तौर पर नॉमिनेट करने का वो पहला मौका ही था.
क़तर के अल-बयात स्टेडियम में खेले जा रहे इस मुक़ाबले में स्टीफ़नी फ़्रैपार्ट के साथ अस्टिटेंट रेफ़री के तौर पर ब्राज़ील की नेउज़ा बैक और मेक्सिको की कैरन डियाज़ मेडीना उनका साथ देंगी.
साल 2020 में पुरुषों की चैम्पियंस लीग के एक मुक़ाबले में स्टीफ़नी फ़्रैपार्ट पहली महिला रेफ़री बन गई थीं.
इसके साथ ही साल 2019 के यूरोपियन सुपर कप में लिवरपूल और चेलसी के मुक़ाबले में भी 38 वर्षीय स्टीफ़नी फ़्रैपार्ट मैच में रेफ़री बनने वाली पहली महिला बन चुकी हैं.
क़तर में खेले जा रहे इस विश्व कप में स्टीफ़नी फ़्रैपार्ट के अलावा, रवांडा की सलीमा मुकांसंगा और जापान की योशिमी यामाशिता को भी 36 रेफ़रियों की टीम में शामिल किया गया है.