गीदम में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम दंतेश्वरी मेडिकल कॉलेज होगा-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
(शशि कोनहेर) : रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि, दंतेवाड़ा के गीदम में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम दंतेश्वरी मेडिकल कॉलेज होगा। वे पुलिस लाइन कारली हेलीपैड से सीधे देवी दंतेश्वरी के मंदिर पहुंचे। यहां माता की पूजा अर्चना कर उन्होंने प्रदेश की खुशहाली की कामना की है। जिसके बाद मंदिर स्थल पर ही आयोजित फागुन मड़ई के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने मड़ई में शामिल होने पहुंचे कुल 851 क्षेत्रीय देवी देवताओं को विदाई देकर फागुन मेला का समापन किया है।
इस बार तेलंगाना और ओडिशा से देवी-देवताओं के देव विग्रह लेकर पुजारी, सिरहा, गुनिया पहुंचे थे। यह पहला ऐसा मौका था जा जब फागुन मड़ई के समापन में कोई ष्टरू पहुंचे। उन्होंने देवी-देवताओं को लेकर आए सिरहा, गुनिया, पुजारियों को थाल, श्री फल, कुछ नगद पैसे और साड़ी देकर विदाई दी।
भूपेश बघेल ने कहा, मलेरिया मुक्त हो या फिर कुपोषण मुक्त अभियान हो हर अभियान की शुरुआत दंतेवाड़ा से की गई है। गीदम में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। अब यहां के बच्चे पढ़ेंगे और डॉक्टर बनेंगे। जगदलपुर एयरपोर्ट को बने काफी लंबा समय हो गया था, लेकिन, फ्लाइट शुरू नहीं हो पा रही थी।
जब नाम दंतेश्वरी एयरपोर्ट रखा गया तो उसके बाद फ्लाइट शुरू भी हुई और मुनाफा भी होने लगा।मुख्ममंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, गीदम में अनुविभागीय कार्यालय की मांग की गई है। जरूरत को देखते हुए अनुविभागीय कार्यालय खोलने की घोषणा किया हूं।
दरअसल, दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी मंदिर में विश्व प्रसिद्ध फागुन मड़ई का आयोजन किया गया था। इसमें बस्तर संभाग समेत पड़ोसी राज्यों से करीब 700 से ज्यादा क्षेत्रीय देवी-देवता भी शामिल हुए। सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार रंग-भंग कार्यक्रम और देवी-देवताओं की विदाई के साथ फागुन मड़ई का सामापन होता है।