अम्बिकापुर

तहसील कार्यालय में अन्धेर गर्दी स्टांप वेंडर दलालो से पक्षकार परेशान


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर -(सरगुजा) तहसील क्षेत्र में पक्षकारों को राजस्व संबंधी बेहतर सुविधा मिल सके इस मकसद को लेकर शासन प्रशासन ने जिले के तकरीबन सभी ब्लाक मुख्यालयों में तहसील कार्यालय बनाकर आवेदकों के राजस्व संबंधी परेशानियों को दूर करने का हर सम्भव प्रयास किया है। परन्तु बिडम्बना है कि जैसी सुविधा आम जरूरतमंद पक्षकारों को मिलनी चाहिए वैसी नहीं मिल पा रही है। ऐसा ही कुछ नजारा लखनपुर तहसील कार्यालय का है जहां लम्बे समय से विराजमान बाबू मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं तथा इन बाबूओं से तालमेल बनाकर दलाल पक्षकारों को सरेआम लुट रहे हैं । तहसील कार्यालय में नियम कायदों का चीरहरण हो रहा है। इतना ही नहीं स्टाम्प वेंडरो नोटरी कर्ता के जलवे निराले हैं इन स्टाम्प वेंडरो के मनमाने करतूतो से नाराज़ कुछ आवेदकों का कहना है कि– शासन प्रशासन द्वारा प्रत्येक तहसील कार्यालय में शपथ पत्र जाति निवास दूसरे तमाम राजस्व दस्तावेज तैयार करने के लिए नोटरीकर्ता स्टाम्प वेंडर अधिकृत किये गये है। परन्तु लखनपुर तहसील कार्यालय में नोटरी कर्ता स्टाम्प वेंडरो के मनमाने लुटनीति ने सारी हदें पार करते हुए पक्षकारों को हैरानी में डाल दिया है। सूरतेहाल है कि इन स्टाम्प वेंडरो नोटरी कर्ता दलालो पर शासन का कोई अंकुश नहीं रहा है। जिससे तहसील कार्यालय में अंधेरगर्दी मची हुई है।
प्रमाणिक दस्तावेज तैयार करने के लिए 50 रूपए के स्टाम्प को 80 से 100 रूपये में, तथा 100 के स्टाम्प को 150 रूपये में आवेदकों को खुलेआम बेचे जा रहे हैं। आगे यदि कोई आवेदक स्टाम्प सह नोटरी कराता है या फिर न्यायालयीन प्रकरण संबंधित दस्तावेज लिखवाता है तो लेखन सह स्टाम्प पेपर के लिए 200 रूपये से 500 रूपये तक की उगाही की जाती है। तहसील कार्यालय के इस लचर व्यवस्था से आवेदक परेशान हैं। इन शासन द्वारा अधिकृत स्टाम्प वेंडरो नोटरी कर्ताओं को
कार्यालय में शासन द्वारा निर्धारित स्टाम्प पेपरों के दर सूची चस्पा होनी चाहिए ऐसी कोई सूची कहीं चस्पा नहीं की गई है।
स्टाम्प पेपर को
शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक दामों में बेचें जाने की शिकायत हो रही हैं।
स्टाम्प विक्रेता एवं तहसील के खुदगर्ज बाबूओं ने दलालों को पाल रखा है। जिनके पास तहसील कार्यालय में बैठने के जायज़ दस्तावेज नहीं है वैसे दलालों तहसील कार्यालय में बैठे रहे हैं। शासन द्वारा अधिकृत स्टाम्प वेंडरो तथा दर्जनों सक्रिय दलालों ने तहसील कार्यालय को लूट का अड्डा बना दिया है।
आम ग्रामीणों के जेब में डाका डाले जा रहे है।
अफसोस कि आम जरूरतमंद लोगों को राजस्व संबंधी मामलों में जो सहुलियत मिलनी चाहिए नहीं मिल पा रही है। जहां आम लोगों के राजस्व संबंधी कुछ काम 100 रूपये में भी बन सकते थे परन्तु पक्षकारों पर दलालों द्वारा जबरन दबाव बना कर 500 से 1000 रुपए तक की उगाही की जा रही है।
वहीँ तहसील कार्यालय में दूर दराज ग्रामीण इलाकों से आए आवेदक जिन्हें कार्यालयीन नियमो का तजुर्बा नहीं है ऐसे अनजान आम आवेदक दलालो से ठगे जा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा पैसे नही दिये जाने पर दलालों द्वारा डराया धमकाया जाता है।
यह बात भी सामने आ रही है कि इन दिनों
कुछ पेंशनरों शासकीय कर्मचारी शिक्षकों को 10 रुपये के स्टाम्प पेपर में नोटरी करा कर जमा करना था उनसे वाहियात पैसे की मांग नोटरी कर्ताओं द्वारा किया जाने लगा तथा 11 शिक्षकों से 500 रूपये की मांग किया जाकर हतोत्साहित किया गया जिसका विरोध स्टाम्प खरीदारों द्वारा किए जाने पर वर्तमान में 200 रूपये लिया जा रहा है।
इस तरह के अव्यवस्था को लेकर क्षेत्रवासी काफी असंतुष्ट हैं।

इस लचर व्यवस्था के संबंध में एस डी एम श्रीमति शिवानी जायसवाल से फोन पर पूछे जाने की कोशिश की गई परंतु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।


बयान– लखनपुर तहसीलदार श्रीमति गरिमा ठाकुर ने कहा कि यदि इस तरह की शिकायत आ रही है तो सम्बधितो के उपर जांच कर सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।

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