छत्तीसगढ़

चिटफंड कंपनी एस.पी.एन.जे लैण्ड प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड की संपत्ति होगी कुर्क…..


(शशि कोन्हेर) : रायपुर – चिटफंड कंपनी एस.पी.एन.जे लैण्ड प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड की संपत्ति जल्द ही कुर्क की जाएगी। जिला दण्डाधिकारी और कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने इस संबंध में अंत:कालीन आदेश जारी किया है। चिटफंड कंपनी की रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के ग्राम पचेड़ा, रायपुर तहसील के ग्राम कोटा, ग्राम जरवायडीह उर्फ हीरापुर में स्थित अपार्टमेंट, गोबरा-नवापारा के ग्राम कठिया में स्थित भूमि, उक्त सभी संपत्ति जिसका कुल मूल्याकंन बाजार भाव 74 लाख से अधिक है, की कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।


कंपनी के डायरेक्टर राजकुमार बैनर्जी निवासी ग्रीन लैण्ड विहार कॉलोनी मोवा, रायपुर तथा श्रीमती डालीदास गुप्ता निवासी दलदल सिवनी मोवा, रायपुर के द्वारा एस.पी.एन.जे. लैण्ड प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी के नाम से कंपनी बनाकर, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कंपनी के द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के सहयोग से आम जनता को अधिक ब्याज देने, कम समय में धन दोगुना करने का झांसा देकर विभिन्न लोक लुभावनी योजना बताकर निवेशकों से कपटपूर्वक राशि जमा कराई गई थी। निवेशकों द्वारा जमा कराई गई राशि परिपक्वता के पश्चात् भी उन्हे भुगतान नहीं करने, जमा की गई राशि को वापस नहीं करने, जमा राशि का ब्याज भी अदा नहीं कर धोखाधड़ी किया गया। प्रकरण में निवेशकों द्वारा प्राप्त शिकायत के आधार पर थाना न्यू राजेन्द्र नगर में विभिन्न धाराओं के तहत कंपनी के डायेरेक्टर राजकुमार बैनर्जी एवं डालीदास गुप्ता अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
कंपनी के द्वारा रायपुर तहसील के ग्राम कोटा-3 की 0.0380 हेक्टेयर, ग्राम जरवायडीह के भगत सिंह वार्ड नं 13 में 547 वर्गफुट का अर्पाटमेंट, अभनपुर तहसील के ग्राम पचेड़ा में स्थित 0.5900 हेक्टेयर, गोबरा नवापारा तहसील के ग्राम कठिया में छ: अलग-अलग जगह स्थित कुल रकबा 0.9300 हेक्टेयर, समीपस्थ जिला बेमेतरा के ग्राम उफरा के 8 अलग-अलग जगह में कुल रकबा 5.9400 हेक्टेयर सहित सभी संपत्ति कुल 7.4980 हेक्टेयर निवेशकों द्वारा प्राप्त राशी से क्रय की गई थी।


प्रकरण में पुलिस विवेचना के बाद मिले प्रतिवेदन, दस्तावेज साक्ष्यों और गवाहों के बयानों का सूक्ष्म अध्ययन किया गया है। चिटफंड कंपनी एस.पी.एन.जे लैण्ड प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड के संचालकों द्वारा आम जनता को अपनी कंपनी की लोक लुभावनी योजना बताकर लोगों से रूपये जमा कर धोखाधड़ी की गई है। प्रकरण में अब तक प्रार्थी तथा कुल 18 गवाहों का कथन लेखबद्ध किया गया है। कंपनी के स्कीम के तहत कुल निवेशक की जानकारी 1254 है तथा धोखाधड़ी की कुल रकम अनुमानित राशि 3 करोड़ 74 लाख से अधिक है।

छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितो का संरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों एवं ईनामी चिटफंड एवं धन परिचालन पाबंदी स्कीम अधिनियम 1978 के प्रावधानों के तहत इस संपत्ति को कुर्क करने के लिए अंत:कालीन आदेश जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया है।

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