पण्डित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय में आयोजित 05 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का द्वितीय दिवस उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ
बिलासपुर – पण्डित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर के योग विज्ञान विभाग एवं ब्रम्हर्षि वशिष्ठ योग आरोग्य केंद्र के तत्त्वावधान में आयोजित 05 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का द्वितीय दिवस उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।
प्रातः 07ः00 बजे से 09ः00 बजे तक उच्चरक्तचाप की समस्या को ध्यान रखकर संबंधित योगाभ्यास क्रम का अभ्यास कराया गया। विशेषज्ञों द्वारा उक्त समस्या के कारणों, यौगिक उपायों तथा उसके शारीरिक मानसिक प्रभावों पर विद्यार्थियों के समक्ष प्रकाश डाला गया। इस प्रायोगिक सत्र में विश्वविद्यालय के कर्मचारी/अधिकारी सहित लगभग 55 लोगों ने कार्यशाला में अपनी प्रत्यक्ष उपस्थिति दी। प्रायोगिक सत्र के अन्त में डॉ. वीणा पाणी दुबे (डायरेक्टर लाईफ साईंस) व डॉ. राजेष चतुर्वेदी (डायरेक्टर कला संकाय) ने उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष अपने संक्षिप्त विचार प्रस्तुत किये तथा कार्यशाला के आयोजन की सराहना की।
द्वितीय सत्र व्याख्यानमाला के रूप में प्रातः 11ः00 बजे प्रारंभ हुआ। व्याख्यान ऑनलाईन मोड़ में आयोजित किया गया। आज की कार्यशाला के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. हरेराम पाण्डेय, सहायक प्राध्यापक, योग विज्ञान , इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक जी रहें। उन्होने ‘‘समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन’’ विषय पर एक घण्टा का विस्तृत व्याख्यान दिया। डॉ. पाण्डेय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्वास्थ्य की अवधारणा का उल्लेख करते हुए शारीरिक मानसिक, सामाजिक एवं अध्यात्मिक स्वास्थ्य पर गहन विवेचना की। स्वास्थ्य के संबंध में उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रधर्म है। व्याख्यान में उन्होंने आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, तथा योग की स्वास्थ्य संबंधी अवधारणा व इन ग्रंथों में उल्लेखित आवश्यक तत्त्वों की विवेचना की। मुख्य वक्ता द्वारा प्रतिभागियों के प्रश्नों का उचित व योग आधारित समाधान भी किया। कार्याशाला में 88 प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी। कार्यशाला में योग विज्ञान विभाग से डोंगेश्वर साहू, श्वेता कुर्रे, मालिकराम पटेल व शुभाशीष डे उपस्थित रहे। कार्यशाला का समापन संयोजक डॉ. एस. रूपेन्द्र राव सहायक प्राध्यापक के आभार पश्चात हुआ।