(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। मनमानी कीमत पर सब्जियां बेचने वाले बृहस्पति बाजार के व्यापारी और नगर निगम के अधिकारी की सांठगांठ के चलते आज एक बार फिर बृहस्पति बाजार के किनारे जमीन पर बैठकर अपने खेतों की सब्जियां बेचने वाले किसानों पर निगम का कहर टूट पड़ा। बृहस्पति बाजार के चारों ओर कंपनी गार्डन तक फल दुकानों और ठेले वालों को दुकान लगाने और धंधा करने की छूट देने वाले नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने आज सड़क किनारे बैठ कर अपने खेतों की सब्जियां बेचने वाले किसानों के साथ जो अत्याचार किया वह वाकई बर्दाश्त के लायक नहीं है।
बिलासपुर शहर में कंपनी गार्डन के सामने रोज ठेलें वाले और दुकानदार खासकर दोपहर बाद से रात तक बेजा कब्जा कर धंधा पानी किया करते हैं। खुद बृहस्पति बाजार के सामने मिशन स्कूल के कंपाउंड से लगी हुई जमीन पर फल वालों ने बड़ा बड़ा बेजा कब्जा कर दुकानें खोल रखी हैं। लेकिन निगम को उसके अतिक्रमण विरोधी दस्ते को यह सब दिखाई नहीं देता। आज बृहस्पति बाजार के किनारे जमीन पर बैठकर सब्जियां बेचने वाले गरीब किसानों पर जिस तरह निगम का अतिक्रमण अमला टूट पड़ा.. उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि बिलासपुर में जहां महापौर भी किसान हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई जनप्रतिनिधि किसान हैं लेकिन इसके बावजूद यहां ग्रामीणों किसानों की कोई कदर नहीं है।
सभी को यह मालूम है कि गांव के सब्जी उत्पादक किसान अगर अपनी सब्जियों को तिफरा की मंडी में ले जाते हैं। तो वहां उनकी सब्जियों को पानी के मोल खरीद लिया जाता है। बिलासपुर के बृहस्पति बाजार में जो सब्जी बृहस्पति बाजार वाले सरेआम 20 से ₹30 किलो में बेचते हैं उसी सब्जी को आना चाहिए किसानों से 4 से ₹5 किलो में झटक लेते हैं। इससे घबराकर ही गांव के छोटे-छोटे सब्जी उत्पादक किसान बृहस्पति बाजार और सरकंडा समेत बिलासपुर में कुछ स्थानों पर सड़क के किनारे जमीन पर बैठकर सब्जियां बेचा करते हैं।
लेकिन पूरे शहर को बेजा कब्जा के हवाले करने वाले नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते को इन गरीबों पर धावा बोलते हुए जरा भी शर्म नहीं आई। उन्हें यह भी चिंता नहीं है कि जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद की शान हो वहां के सब्जी उत्पादक किसानों के साथ अत्याचार करना उन्हें महंगा भी पड़ सकता है। बेजा कब्जा के खिलाफ कार्रवाई करने वाला नगर निगम का दस्ता श्रीकांत वर्मा मार्ग के दुकानदारों से और कंपनी गार्डन के सामने दुकानें लगाने वालों से तथा बृहस्पति बाजार में मिशन कंपाउंड से लगे फल दुकान वालों से इसी तरह शहर के अनेक स्थानों पर सड़क को कब्जिया कर सरे काम धंधा करने वालों से कितनी रकम ले रहा है।
इनसे उसकी क्या सांठगांठ है जो वह रोज कार्यवाही करते भी दिखता है लेकिन बिलासपुर में आज तक कभी भी बेजा कब्जा खत्म नहीं होता। नगर निगम का दस्ता रोज कार्रवाई का नाटक करता है इसके बावजूद सड़क किनारे बेजा कब्जा उसकी असलियत की पोल खोल रहे हैं। बिलासपुर शहर के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों नगर निगम के महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष को गांव से अपने खेतों की सब्जियां लेकर आने वाले गरीब किसानों के लिए कोई ऐसी जगह तय करनी चाहिए जहां वो बोरी फट्टी अपनी सब्जियां बेज सकें। इससे इन किसानों को अपनी सब्जी के वाजिब दाम मिल जाएंगे और बिलासपुर शहर के लोगों को ताजी सब्जियां सस्ती कीमत पर मिल जाएंगी।