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जंतर-मंतर पर जुटे पहलवानों का संघर्ष लाया रंग, दिल्ली पुलिस बृज भूषण सिंह पर दर्ज करेगी FIR

(शशि कोन्हेर) : जंतर-मंतर पर जुटे पहलवानों का संघर्ष आखिर रंग लाया है। दिल्ली पुलिस डब्लूएफआई प्रेसीडेंट बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को तैयार हो गई है। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इसकी जानकारी दी।

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने पहलवानों की शिकायत पर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। इससे पूर्व 26 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मामले में एफआईआर दर्ज करने से पूर्व आरोपों को लेकर प्राथमिक जांच की जरूरत है।

खतरे की भी हो जांच
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने यह बात कही। इसके बाद बेंच ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक नाबालिग शिकायतकर्ता के खतरे के बारे में भी जांच का निर्देश दिया है।

असल में याचिकाकर्ताओं ने एक नाबालिग शिकायतकर्ता की सुरक्षा को खतरा बताया था। इसके समर्थन में उन्होंने जरूरी सबूत भी पेश किए थे। अदालत ने 21 अप्रैल को बृज भूषण सिंह के खिलाफ आरोप लगाने वाले छह अन्य पहलवानों के खिलाफ खतरे की आशंका की जांच का विकल्प भी पुलिस को दे दिया है।

सेफ्टी और सिक्योरिटी की चिंता
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने नाबालिग द्वारा प्रस्तुत सबूत को तुषार मेहता को दिया। साथ ही कोर्ट को यह सूचना भी दी कि नाबालिग ने अपने डर के चलते राजधानी छोड़ दी है। वहीं, सिब्बल ने इस दौरान सभी शिकायतकर्ताओं की सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने यह भी मांग की कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक स्पेशल टास्क फोर्स से कराई जाए।

यह बोले सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने अदालत से कहा कि एक बार जब यह पाया गया कि शिकायत में संज्ञेय अपराध का खुलासा हुआ है तो एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि अब इसमें कुछ और भी है। यह एक अलग दिशा में जा रहा है मेहता ने याचिकाकर्ताओं द्वारा मामले को लंबित रखने की मांग पर आपत्ति जताई क्योंकि याचिका में केवल प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। अदालत ने दिल्ली पुलिस से नाबालिग शिकायतकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों पर शुक्रवार तक एक हलफनामा दायर करने को कहा। अदालत ने स्पष्ट किय कि हम जांच की निगरानी या चैनलाइज नहीं करने जा रहे हैं, बल्कि इसे केवल एक सप्ताह के बाद रखने जा रहे हैं।

याचिका में कही थी यह बात
पहलवानों ने अपनी याचिका में कहा था कि इस साल जनवरी में शिकायतों के बावजूद केंद्र ने कोई कार्रवाई नहीं की। पहलवानों की शिकायतों की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने एक निगरानी समिति का गठन किया था। हालांकि इसके नतीजे का पता नहीं चल पाया है। मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलते हैं कि सिंह को क्लीन चिट दे दी गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस एफआईआर से इनकार नहीं कर सकती। वजह, यह संज्ञेय अपराध का खुलासा करती है और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद सिंह की शक्ति और प्रभाव के चलते ऐसा नहीं हो रहा।

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