(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर। शुक्रवार की देर रात कटनी से बिलासपुर के बीच भारी बारिश के चलते रेल लाइन पर चट्टान गिरने के साथ पानी भर गया.
जिसके कारण कटनी से बिलासपुर की ओर आने वाली ट्रेनों के पहिए घंटो थमे रहे। अचानक लाइन अवरूद्ध होने और ट्रेनों के रूकने से यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
रेल प्रशासन ने बिलासपुर से कटनी के बीच रेल लाइन के दोनों ओर पहाड़ से गिरने वाले चट्टानों को ट्रैक पर गिरने से बचाने के लिए लोहे की जालियां लगाई थी, जो वर्तमान में काफी जर्जर हो चुकी है। जालियों को लगाने का उद्देश्य ट्रेनों का परिचालन सुचारू रूप से किया जाना था.
ताकि यात्रियों को जंगल के बीच ट्रेन रूकने से किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। रेलवे की लगाई गई जालियां जर्जर होने के साथ ही एक बार बारिश के मौसम में रेलवे ट्रैक पर चट्टान गिरने के साथ पानी भरने के कारण रेल यातायात प्रभावित हो रहा है।
इसी तरह की घटना शुक्रवार की देर रात 3 बजे कटनी से बिलासपुर स्टेशन के बीच उमरिया के पहले मुदरिया घुनघुटी स्टेशन के बीच हुई, जहां रेलवे ट्रैक पर चट्टान गिरने के साथ पानी भर गया था।
इससे पहले रेलवे ट्रैक से भोपाल से दुर्ग जाने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस और छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस निकल चुकी थी। चट्टान गिरने और पानी भरने के कारण सिग्नल को भी बंद कर दिया गया, जिसकी वजह से कटनी से शहडोल, पेण्ड्रा, उसलापुर और बिलासपुर आने वाली सारी एक्सप्रेस और मालगाड़ी के पहिए आउटर में थम गए।
देर रात हुई घटना की सूचना मिलते ही शहडोल और पेण्ड्रा के स्टाफ तो तत्काल मौके पर रवाना किया गया। सुबह 7 बजे के बाद रेलवे का अमला मौके पर पहुंचकर चट्टानों का हटाने का काम शुरु किया।
इस दौरान इंदौर से बिलासपुर आने वाली नर्मदा एक्सप्रेस को आउटर के बाद चंदिया स्टेशन में, बिलासपुर से कटनी जाने वाली लोकल को शहडोल स्टेशन में, निजामुद्दीन से दुर्ग जाने वाली संपर्कक्रांति को शहडोल से पहले और बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस कटनी मुरवारा में घंटो खड़ी रही।
दोपहर 1 बजे के बाद लाइन को व्यवस्थित कर ट्रेनों को रवाना किया गया। इसके कारण सुबह से दोपहर को उसलापुर और बिलासपुर आने वाली ट्रेनें रात 8 बजे के बाद पहुंची।