अम्बिकापुरछत्तीसगढ़

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पौत्र का साल श्रीफल से सांसद सरगुजा ने किया सम्मान

(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर -(सरगुजा) आजादी के दिवानो ने देश को आजाद कराने में  अपने प्राणों तक की आहुति दे दी इतिहास गवाह है भारत मां के लालो- ने स्वराज हासिल करने अपने लहू बहा दिया। कुछ स्वतंत्रता सेनानीयों के नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है कुछ गुमनामियों के अंधेरे में गुम हो कर रह गए।

लेकिन ओ अनाम शहीद आजादी रूपी  मीनार का  नींव के पत्थर साबित हुये। आज कगुरे के खूबसूरत रंगीनियो  को हर कोई देख आजाद फिजा में सांस ले रहा है। लेकिन इस बात का शायद एहसास नहीं होता होगा कि स्वतंत्रता सेनानी किन हालातो मे देश को आजादी दिलाया होगा।


उन्हीं आजादी के दिवानो में लखनपुर के स्व० राजदेव पांडेय जाने जाते हैं ।सरगुजा अंचल के 38  स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के नामो का उल्लेख इतिहास के पन्नों में मिलता है।  जिनमें 26  नाम सरगुजा  गजेटियर सन् 1989  में दर्ज  होने प्रमाणित  है। वीर सपूतों के नाम इतिहास के पन्नों में होकर भी जमाने की नजर नहीं हुई । लम्बे समय के बाद शोध कर्ताओं ने आखिरकार आप स्वतंत्रता सेनानी स्व0 राजदेव पांडेय का परिचय खोज निकाला।

स्वर्गीय श्री राजदेव पांडेय, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लखनपुर

एक शोधकर्ताओं के हवाले से पता चलता है कि आप का जन्म सन 1909 ई0 गाजीपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था आपके पिता स्वर्गीय श्री शिवपूजन पांडेय थे। आपने साहित्य में विशारद करने के बाद 1930ईसवी में स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भागीदारी निभाया। सन् 1931 में ईस्वी में विदेशी वस्तु वहिष्कार में तथा शराबबंदी आंदोलन में भाग लेने कारण आपको 23 फरवरी से 9 मार्च 1931 तक गाजीपुर उत्तर प्रदेश में कारावास हुआ।

आपने सन् 1942 ईस्वी में भारत छोड़ो आन्दोलन में सक्रिय रहे। आजादी के बाद 1948 ई0में  रोजगार के तलाश में सरगुजा जिले के अम्बिकापुर में आपका आगमन हुआ था। बाद में आप लखनपुर के स्थाई निवासी हो गये।  जिक्र यह भी है कि सरगुजा अचल के 38 स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के नाम मिल चुके है।  जिसमें 26 नाम  सरगुजा गजेटियर में 1989  में दर्ज है। परन्तु आज भी अनेक वीर सपूतों के  नाम गुमनाम है। आपको प्रति वर्ष  जिला स्तरीय राष्ट्रीय पर्वों में सम्मानित किया जाता था। आपका निधन संभवतः 1978-79 के आसपास हुई होगी।


आप अपने पीछे पत्नी स्व 0 श्रीमती फूलकुवर सहित दो पुत्र रविन्द्र पांडेय एवं यतिन्द्र पांडेय
एवं तीन पुत्री विदोती पांडेय, मालती पांडेय, पूनम पांडे सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये थे।  छोटे पुत्र यतिंद्र पांडेय का निधन गंभीर बिमारी के कारण पहले हो गया।बड़ा पुत्र स्व 0 रविन्द्र पांडेय वन विभाग में सरकारी मुलाजिम थे  सेवाकाल में ही आपके बड़े पुत्र  का भी निधन हो गया। तथा एक पुत्री  मालती पांडेय की भी निधन हो गई। वर्तमान में आपके बड़े पुत्र रविंद्र पांडेय के पुत्र  बृजेन्द्र पांडेय को वन विभाग में लिपिक पद पर अनुकम्पा नियुक्ति मिल गई है। नगर लखनपुर की खुशकिस्मती है कि ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी निवास स्थान रहा है। वीर सपूतों को प्रकाश में लाना  आजादी का अमृत महोत्सव  कार्यक्रम की सार्थकता है ।
14 अगस्त 2022 को सूरजपुर में आयोजित सम्मान समारोह में आपके पौत्र ब्रिजेन्द्र पांडेय को  केन्द्रीय मंत्री एवं सरगुजा सांसद श्रीमती रेणुका सिंह द्वारा साल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।

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