7 माह से नेपाल की जेल में बंद है मुंगेली का युवक.. गर्भवती पत्नी और बुजुर्ग मां ने कलेक्टर से की न्याय की गुहार
(मोहम्मद अलीम) : मुंगेली। मुंगेली शहर का एक व्यक्ति विष्णु मल्लाह पिछले 6 महीने से भी अधिक समय से नेपाल की जेल में बंद हैं। उसके पत्नी, परिजनों व मित्रों ने आज कलेक्टर से इस संबंध में राहत दिलाने मदद करने गुहार लगाई। उनकी ओर से आज कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मुंगेली निवासी उषा मल्लाह ने बताया कि उसके पति विष्णु मल्लाह 15 जून 2022 को कार में नेपाल गए हुए थे।
जिसमें 4 लोग क्रमशः दीपक मल्लाह, विष्णू मल्लाह, अविनाश भोई और विकास तिवारी शामिल थे। पीड़िता ने ज्ञापन में बताया कि उसके पति को ड्राईवर बनाकर अविनाश भोई अपनी डस्टर कार से लेकर गया था। इस कार का नम्बर CG 04 HU 7773 है, नेपाल के नवलपरासी जिला में 18/06/2022 को ग्रे थे। रास्ते में उनके कार का एक्सीडेंट हो गया। कार को उसके पति विष्णु मल्लाह ही चला रहा था।
जिसमें नेपाल के अहमद अली कार एक्सीडेंट में घायल हो गया। जिसे नेपाल के भैरवा यूनिवर्सल कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस में एडमिट कराया गया और मेरे पति विष्णु मल्लाह को नेपाल के नवलपरासी जिला के जेल में कैद बंद कर दिया गया। जो कि पिछले 7 महीनों से जेल में बंद है और बाकी तीनों को छोड़ दिया गया हैं। प्रार्थिया ने ज्ञापन में आगे कहा कि उन लोगों ने गिरवी व कर्ज लेकर 12 से 13 लाख रूपये घायल के इलाज में दिये है। और घायल अहमद अली हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गया हैं, और उसने नेपाल के कोर्ट में बयान भी दिया है।
कि 12 से 13 लाख रूपये इलाज में लगाए और में स्वस्थ हूँ। उसके बाद भी नेपाल के जेल से उसके पति विष्णु मल्लाह को नहीं छोड़ रहे हैं। प्रार्थिया ने बताया कि वह अत्यंत गरीब है और में 08 से 09 माह की गर्भवती भी हैं, इसलिए कलेक्टर से अपने पति विष्णु मल्लाह को नेपाल जेल से छुड़वाने मदद करने गुहार लगाई गई हैं। ज्ञापन के साथ आधार कार्ड की छायाप्रति, नेपाल के हॉस्पिटल का डिस्चार्ज एवं बिल की कॉपी, घायल अहमद अली का बयान की कॉपी सलंग्न की हैं।
इस संबंध में कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि यह अंतराष्ट्रीय स्तर का मामला हैं, इसलिए इसमें विधिक प्रावधानों का अवलोकन करने के बाद ही कार्यवाही की जा सकती हैं, प्रथम दृष्टया यह समझ में आ रहा हैं कि यह गैरइरादतन रूप से किसी को चोट पहुंचाने का मामला हैं, जिसमें नेपाल में किसी व्यक्ति को चोट लग गई हैं। कलेक्टर ने आगे आश्वासन दिया हैं कि हमारे द्वारा जो भी मदद की जा सकती हैं, करेंगे, और समाधान का प्रयास करेंगे, साथ ही उक्त मामले को गृह विभाग को भेजेंगे।