छत्तीसगढ़

बिलासपुर और जीपीएम जिले में भी बिहार की तरह का “जहरीली शराब कांड” होने का खतरा.. वहां हुई 41 मौतों से सबक ले छत्तीसगढ़..!

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर :  बिहार में अब तक 41 लोगों की जान ले चुके जहरीली शराब कांड की खबरों से छत्तीसगढ़ में भी शासन प्रशासन और पुलिस तथा आबकारी विभाग को पूरी तरह अलर्ट मोड में आ जाना चाहिए। बिहार में 41 से भी अधिक लोगों की जान लेने वाली जहरीली शराब जैसी ही शराब (जिसे यहां कच्ची शराब कहा जाता है) का उत्पादन और बिक्री बिलासपुर तथा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के बहुत से गांवों में भी धड़ल्ले से किया जाता है। बिलासपुर जिले के कोटा, रतनपुर, सीपत बिल्हा मस्तूरी और तखतपुर क्षेत्र के कई गांवों में कच्ची शराब बनाई और बेची जाती है। यह गोरखधंधा कोई छुप कर भी नहीं किया जाता।

हर गांव में हर व्यक्ति को यह पता होता है कि उनके गांव में कच्ची शराब कौन कौन बनाता और बेचता है..! दरअसल सरकारी काफी शराब महंगी तो होती ही है। साथ ही गांव के शराब प्रेमियों को सरकारी शराब के मिलावटी होने की पूरी आशंका रहती है।। इसी शक और सस्ते में मिलने के कारण गांव के लोग कच्ची शराब का अधिक सेवन करने लगे हैं। यह वही कच्ची शराब है जिसने बिहार में जहरीली शराब कांड से 41 लोगों की जान ले ली। बिलासपुर के ऐसे गांवों का नाम बहुतों की जुबान पर है, जहां सस्ती और कच्ची शराब आराम से मिल जाती है। आबकारी और पुलिस विभाग समय-समय पर दिखावे के लिए इस गोरखधंधे के खिलाफ कार्यवाही करते हैं।

लेकिन इस कार्रवाई में कोई दम नहीं रहता। क्योंकि जिस व्यक्ति पर कार्यवाही की जाती है, वह कुछ दिनों बाद ही, फिर से कच्ची शराब बेचने का काम शुरू कर देता है। बड़े-बड़े मलाईदार कामों में चांदी काटने वाले आबकारी विभाग को कच्ची शराब बेचने और बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं है। जबकि थानों की पुलिस कार्यवाही करने की बजाय लंबी रकम का लेना देना कर मामले का वारा न्यारा कर रही है।

यहां यह बताना लाजमी है कि कई बार बनाए जाने के दौरान होने वाली गड़बड़ी के कारण यही कच्ची शराब ही, जहरीली शराब में बदल जाती है। और फिर ऐसी शराब ही पीने वालों के लिए जानलेवा बन जाती है। इसलिए बिहार की घटना से सबक लेकर छत्तीसगढ़ की पुलिस और प्रशासन तथा विशेषकर बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पुलिस तथा आबकारी विभाग को पूरी गंभीरता से लेते हुए कच्ची शराब बनाने वालों और बेचने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे हमारे प्रदेश और जिले में बिहार की तरह भयंकरतम जहरीली शराब कांड होने की कोई आशंका ना हो।

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