इमरान खान के द्वारा “पाकिस्तान के तीन टुकड़े” होने की बात कहते ही… मचा बवाल…इमरान पर मोदी की भाषा बोलने का आरोप
(शशि कोन्हेर) : पाकिस्तान में मची सियासी उथल-पुथल के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर बवाल मच गया है.इमरान खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर सरकार सही फैसले नहीं लेगी तो पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जाएंगे.
उनके इस बयान पर पाकिस्तान में हंगामा मच गया है. इमरान खान के बयान की निंदा करने वालों में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के को-चेयरमैन आसिफ अली जरदारी भी हैं.
जरदारी ने कहा कि इमरान खान की भाषा किसी पाकिस्तानी की नहीं बल्कि मोदी की भाषा लग रही है क्योंकि कोई भी पाकिस्तानी पाकिस्तान को तीन टुकड़ों में तोड़ने की बात नहीं कह सकता.
जरदारी ने इमरान खान को नसीहत देते हुए कहा कि सत्ता ही सब कुछ नहीं है. बहादुर बनो और खुद के पैरों पर खड़े होकर राजनीति करो.
उन्होंने कहा, पाकिस्तान को टुकड़ों में तोड़ने की इच्छा तब तक पूरी नहीं हो सकती, जब तक हम और हमारे वंशज जिंदा हैं. कयामत के दिन तक पाकिस्तान का वजूद रहेगा.
पीएमएल-एन नेता तलाल चौधरी ने भी इमरान खान के बयान की निंदा करते हुए कहा, मानसिक रूप से बीमार शख्स ही इस तरह की बात कह सकता है.
उन्होंने कहा, पूर्व में इमरान खान ने पाकिस्तान पर परमाणु बम गिराने का भी सुझाव दिया था. उन्होंने लोगों से सरकार के खिलाफ आंदोलन करने और हुंडी (हवाला) के जरिये पैसे भेजने की भी बात कही थी. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) प्रवक्ता हाफिज हमदुल्ला ने इमरान खान पर भड़कते हुए कहा, सत्ता के लालच में इमरान खान पाकिस्तान के टुकड़े करने की बातें कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि वह पाकिस्तान के दुश्मनों के एजेंट हैं.
इस बीच पाकिस्तान सरकार में मंत्री जावेद लतीफ ने इमरान खान को देशद्रोही तक कह डाला. लतीफ ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर इमरान ने देश को भारी नुकसान पहुंचाया है.
बता दें कि एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा था कि यहां असल समस्या पाकिस्तान और उसकी सरकार है. अगर सरकार सही फैसले नहीं लेती तो मैं लिखित में कह सकता हूं कि वे बर्बाद हो जाएंगे. सेना सबसे पहले नष्ट होगी.
इमरान खान ने चेतावनी देते हुए कहा था कि एक बार देश के बर्बाद होने पर वह दिवालिया हो जाएगा. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसी तरह परमाणु हथियारों को नष्ट करने को कह देगा, जैसा यूक्रेन के साथ 1990 के दशक में किया गया था.