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एक सेक्शन में होंगे 40 ही छात्र… ऐसा क्यों कहा CBSE परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने…..

नई दिल्ली : स्कूल पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त कक्षाएं लें और डमी एडमिशन नहीं लें, क्योंकि डमी एडमिशन में बच्चों को पढ़ाई से अलग अनुशासन नहीं सिखाया जा सकता है और उनकी काउंसिलिंग भी नहीं होती है। एक सेक्शन में केवल 40 प्रवेश होंगे। इससे ज्यादा के लिए नया सेक्शन होगा और उसी के अनुसार भवन तैयार होगा, जिसका निरीक्षण भी किया जाएगा। यह कहना था कि सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज का। वह शुक्रवार को केएल इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित एग्जामिनेशन एंड एसेसमेंट सत्र में सिटी कोऑर्डिनेटर, प्रधानाचार्यों को संबोधित करने पहुंचे। उन्होंने बोर्ड परीक्षा से संबंधित होने वाली गलतियों व लिस्ट ऑफ केंडीडेट एलओसी को लेकर भी वार्ता की।

सीबीएसई नहीं देता कोई टॉपर, इस बार भी नो डिवीजन-नो डिस्टिंक्शन


डॉ संयम भारद्वाज ने कहा कि सीबीएसई टॉपर की घोषणा नहीं करता है। इस बार भी न ही डिवीजन होगी और न ही डिस्टिंक्शन व एग्रीगेट होगा। सीबीएसई केवल अंक जारी करेगा। स्कूलों के सवाल कार्यालय तक बार बार पहुंचे कि प्रतिशत जारी कर दीजिए। इसलिए बोर्ड परीक्षा व परिणाम से पहले पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि सीबीएसई केवल अंक जारी करेगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि स्कूलों में हर बार बारीकी से समझाया जाता है कि एलओसी को सही तरीके से भरें। बच्चे, माता पिता का नाम चेक कर लें। फार्म भरते समय हस्ताक्षर भी कराए जाते हैं, फिर भी स्कूलों की गलतियां आती हैं। एलओसी को भरते समय बहुत बारीकी से चेक करें, क्योंकि सीबीएसई बहुत समय देती है। पादर्शिता रखें, स्कूल में उपस्थिति वाले छात्रों को ही बैठने दें।

स्कूल पर भरोसा रखकर रोजाना उपस्थित हों, अतिरिक्त कक्षा में आएं
डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि वह कोचिंग के खिलाफ हैं। अभिभावक व बच्चों से अपील की कि स्कूल पर भरोसा रखें व शिक्षक से रोजाना समस्याओं को हल कराएं। स्कूल से दूरी नहीं, रोजाना स्कूल आएं। स्कूल के बाद अतिरिक्त कक्षाएं चलाएं। कक्षाओं में विशेषज्ञों को बुलाकर टिप्स दिलवाएं। बच्चों पर कोटा भेजने का दबाव नही दें। स्कूल में प्रार्थना, अनुशासन, खेलकूद, योगा आदि सब होता है, लेकिन कोचिंग में ऐसा कुछ नहीं होता है। वहां अनुशासन नहीं सिखाया जाता है। इसलिए सर्वगुण संपन्न, होनहार मेधावी के लिए स्कूल जरूरी है। उन्होंने शिक्षक प्रधानाचार्यों, सिटी कोऑर्डिनेटर्स के सवालों के जवाब दिए। रीजनल डायरेक्टर पीयूष कुमार शर्मा ने भी विचार रखे। प्रधानाचार्य सुधांशु शेखर ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। वाइस चेयरमैन तेजेंद्र खुराना, मनमीत खुराना, हरनीत खुराना आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर लगभग 500 प्रधानाचार्य शामिल हुए। इसमें बागपत, शामली, हापुड़, सहारनपुर आदि से भी रहे।

एक सेक्शन में 40 से अधिक नहीं होंगे प्रवेश
डॉ.संयम भारद्वाज ने कहा कि स्कूलों में डमी एडमिशन रोकने के लिए सीट संख्या का निर्धारण कर दिया गया है। 40 से अधिक बच्चे एक सेक्शन में नहीं होंगे। यदि होते हैं तो अलग से कमरा मानकों के अनुसार तैयार होगा, जिसका निरीक्षण भी होगा। दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षा को लेकर कहा कि अभी तैयारी चल रही है, संभव है कि 2026 तक दो बार बोर्ड परीक्षा हो। 15 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हैं। जल्द ही डेटशीट जारी होगी। इसके अलावा बीमार बच्चे और ऐसे बच्चे जो कि खेल में हैं और बाहर भी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ऐसे छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तिथि यदि बीच में आती है तो उनकी परीक्षा कराने के लिए बाद में अवसर दिया जाएगा। उपस्थिति में भी छूट रहेगी।

रविवार और सरकारी अवकाश के दिन होगा मूल्यांकन
उन्होंने परीक्षकों को तनावरहित रहते हुए मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तनाव में आकर कॉपियों को चेक करेंगे तो बच्चों के भविष्य पर संकट होगा। इसलिए खुश मन से कापी चेक करें। रविवार और सरकारी अवकाश के दिन मूल्यांकन नहीं कराया जाएगा।
फीस बढ़ोत्तरी पर सरकार ने तय किए मानक

फीस बढ़ोत्तरी की बात पर उन्होंने कहा कि सरकार ने फीस के मानक तय किए हैं। प्रदेश में मानकों के अनुसार फीस बढ़ाई जाती है। बाकी स्कूल में सुविधा, उपकरण संसाधन के अनुसार फीस ली जाती है। इसलिए हर स्कूल में फीस निर्धारण उनके संसाधन पर निर्भर है, लेकिन प्रतिशतता का जोड़ सरकार द्वारा दिए गए मानक के अनुसार ही स्कूल करें।
हर स्कूल दो बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का करे प्रयास
कार्यशाला के अंत में डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि प्रत्येक स्कूल प्रतिवर्ष जरूरतमंद दो बच्चों की शिक्षा निशुल्क कराएं।

इन बिंदुओं पर हुआ विशेष मंथन

– बोर्ड परीक्षा की डेटशीट जल्द जारी होगी, परीक्षा 15 फरवरी से होगी
– दो बार बोर्ड परीक्षा 2026 वर्ष तक संभव होगी, चल रही तैयारी

– एक कक्षा में 40 एडमिशन होंगे, इससे अधिक होने पर अगला सेक्शन बनाएं
– रविवार और सरकारी अवकाश के दिन नहीं होगा मूल्यांकन

– उपस्थिति पूरी होगी तो ही परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में होंगे शामिल

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