ये है, सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता…. इनके चेहरे की मुस्कुराहट पर मत जाइए.. हम बताते हैं क्यों..?
(शशि कोन्हेर के साथ जयेन्द्र गोले) : बिलासपुर – बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गुप्ता की इस तस्वीर को देखें। कितने हंसमुख मिलनसार और जिंदादिल इंसान लग रहे हैं। लेकिन अफसोस की इस मुस्कुराते चेहरे के पीछे जो असली डॉक्टर अनिल गुप्ता मौजूद हैं वो ना तो हंसमुख है और न मिलनसार हैं और ना ही जिंदा दिल। इनकी योग्यता और काम-काज की गुणवत्ता पर किसी तरह की विशेषज्ञ टिप्पणी के हम पात्र नहीं है।
लेकिन जिला अस्पताल में चल रही बदइंतजामी और इलाज कराने के लिए पहुचे गरीब गुरबा मरीजों तथा उनके परिजनों की परेशानी देखकर कोई भी यह बता सकता है कि एक सिविल सर्जन के रूप में डॉ अनिल गुप्ता का कामकाज कैसा है। यहां हम उनके चिकित्सकीय गुणों अथवा दुर्गुणों पर चर्चा नहीं कर रहे। अपनी तस्वीर में मुस्कुराते हुए दिखने वाले इस चेहरे के भीतर एक चिड़चिड़ा,क्रूर, संवेदनहीन और गैर जिम्मेदार अफसर छुपा हुआ है।
हमारे पास उनका एक ऑडियो मौजूद है। इस ऑडियो को सुनकर आप भी जान जाएंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं..? इस ऑडियो को सुनकर ऐसा कतई नहीं लगता कि सिविल सर्जन जैसे पद पर बैठे व्यक्ति के बोल ऐसे घटिया भी हो सकते हैं।
मंगलवार को उन्होंने लोकस्वर टीवी के एक ऐसे पत्रकार (जयेंद्र गोले) को धन्यवाद बोलने की जगह जी भर कर कोसा और अपनी भड़ास निकाली। जो उन्हें यह सूचना दे रहा था कि मंगलवार की रात 9 बजे से 10:30 बजे तक जिला चिकित्सालय की लाइट पूरी तरह गोल है। चिकित्सालय का जनरेटर भी नहीं चल रहा है। इसलिए पूरी बिल्डिंग में ब्लैकआउट जैसा माहौल है। डिलीवरी रूम से लेकर तमाम साधारण और गंभीर मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों कर्मचारियों को इस अंधेरे से काफी तकलीफ हो रही है। पत्रकार जयेंद्र गोले ले जिला अस्पताल की लाइट गोल देखकर सिविल सर्जन श्री अनिल गुप्ता को इसकी जानकारी देने के लिए फोन किया।
कोई और अफसर होते तो यह सूचना देने वाले व्यक्ति को धन्यवाद देकर विद्युत मंडल से जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए फोन करते। लेकिन श्रीमान डॉ अनिल गुप्ता उस शख्स पर ही भड़क गए जिसने उन्हें यह सूचना दी। वह सूचना देने वाले को जैसा उनके मन में आया वैसा सुना कर चले गए। उनका ऑडियो सुनकर ऐसा लगता है कि मानो उनके घर में कोई झगड़ा हुआ हो या डॉक्टर साहब ने जरूरत से अधिक मिर्च खा रखी हो।
बहरहाल, अस्पताल में जिला अस्पताल में लाइट गोल होने की सूचना देने वाले लोकस्वर के वीडियो रिपोर्टर के साथ उनकी फोन पर तमीजदार बांतें सुनिए। आश्चर्य है कि ऐसे समय में जब प्रदेश शासन पुलिस वालों को भी आम जनता के साथ मधुर संबंध रखने और सम्मानजनक ढंग से बात बर्ताव करने की नसीहत दे रहा हो। तब चिकित्सा जैसे सम्मानजनक पेशे से जुड़े किसी सीनियर डॉक्टर से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं की जा सकती।
हमारे दिमाग में एक यह लाजवाब यक्ष प्रश्न यह गूंज रहा है कि जिला अस्पताल का सिविल सर्जन होना डॉक्टर अनिल गुप्ता का सौभाग्य है… अथवा बिलासपुर शहर और जिले के लोगों का दुर्भाग्य…? अगर आपको इस सवाल का जवाब मिल जाए तो जरूर सूचित करिएगा हम आपके अहसानमंद रहेंगे।