कई जिलों की ग्राम और नगर पंचायतों को उसने, ऐसे लगाया, 4 करोड़ 39 लाख रुपए का चूना… अब हवालात में..!
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – आप यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि कोई व्यक्ति अपने आप को बड़ा अफसर बताकर प्रदेश और जिले के ग्राम एवं नगर पंचायत में सोलर पैनल, सोलर एनर्जी और एलईडी लाइटिंग जैसा काम कराने के नाम पर 4 करोड़ 39 लाख रुपए की ठगी कर सकता है। लेकिन प्रदेश की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाने की पुलिस ने ऐसे ही धतकरम करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
इस आरोपी के खिलाफ सुंदर नगर में रहने वाले सुशील शर्मा ने 24 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका परिचित शैलेंद्र बघेल खुद को अफसर और शासकीय विभागों में अच्छी जान पहचान होना बताकर प्रत्येक जिले ग्राम और नगर पंचायतों में सिविल कार्य, एलइडी लाइटिंग, सोलर पैनल और सोलर एनर्जी का कार्य दिलाने के नाम पर रिपोर्टकर्ता प्रार्थी और उस सरीखे अन्य पीड़ितों से अगस्त 2021 से दिसंबर 2022 तक अलग-अलग किश्तों में कुल चार करोड़ 39 लाख रुपए लेकर ठगी कर चुका है।
विभिन्न पीड़ितों से इतनी रकम लेने के बाद भी उसके द्वारा न तो कोई कार्य दिलाया जा रहा था और ना ही रकम वापस की जा रही थी। इस पर आरोपी शैलेंद्र बघेल के खिलाफ सिविल लाइन में अपराध पंजीबद्ध कर करोड़ों रुपए की इस ठगी की घटना से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर श्री प्रशांत अग्रवाल को सूचित कराया गया। श्री प्रशांत अग्रवाल के द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक माहेश्वरी नगर पुलिस अधीक्षक श्री मनोज और थाना प्रभारी सिविल लाइन अर्चना धुरंधर को आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।
जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन और थाना प्रभारी अर्चना के नेतृत्व में थाना सिविल लाइन पुलिस की टीम, घटना के संबंध में प्रार्थी और उसके पार्टनर से विस्तृत पूछताछ कर आरोपी की पतासाजी करते हुए शैलेंद्र बघेल की गिरेबान तक जा पहुंची। पुलिस के द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने करोड़ों रुपयों की उक्त घटना को अंजाम देना स्वीकार किया है। जिस पर पुलिस ने आरोपी शैलेंद्र बघेल का रिमांड लेकर उससे विस्तृत पूछताछ कर रही है। आरोपी शैलेंद्र बघेल पिता शिवचरण बघेल को अविनाश कैपिटल होम्स सड्डू रायपुर का रहने वाला बताया जा रहा है। इस कार्रवाई में निरीक्षक अर्चना धुरंधर उपनिरीक्षक सिद्धांत मिश्रा उप निरीक्षक अरविंद साहू और आरक्षक मुकेश कोरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।