अबकी बार देसी पोशाक, दीक्षांत समारोहों में ड्रेस पर मोदी सरकार का निर्देश..
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एम्स समेत अन्य शीर्ष संस्थानों को दीक्षांत समारोहों में भारतीय परिधान अपनाने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने दीक्षांत समारोहों में ब्रिटिश काल से चले आ रहे काली टोपी और काले लिबास का उपयोग न करें।
माना जा रहा है कि मंत्रालय द्वारा उठाया गया यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रेखांकित “पंच प्रण” संकल्पों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश काल से जुड़ी विरासत को छोड़ना और उनकी जगह भारतीय परंपराओं को अपनाना है।
23 अगस्त को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि दीक्षांत समारोह के दौरान काली टोपी और काले लिबास पहनने की मौजूदा प्रथा ब्रिटिश काल में भारत में भी शुरू की गई थी, जो मध्य युग के दौरान यूरोप से आई है।
मंत्रालय ने संस्थानों से दीक्षांत समारोहों के लिए नए भारतीय पोशाक डिजाइन करने का आग्रह किया है, जो उस राज्य की स्थानीय परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता हो, जहां वह संस्थान स्थित है। चिट्ठी में कहा गया है कि वर्तमान परंपरा ब्रिटिश उपनिवेशकाल की याद दिलाता है, जिसे खत्म करने की जरूरत है।
चिट्ठी में लिखा गया है कि मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने में लगे AIIMS/ INIS सहित विभिन्न संस्थान अपने दीक्षांत समारोह के लिए उस राज्य की स्थानीय परंपराओं के आधार पर उपयुक्त भारतीय ड्रेस कोड तैयार करेंगे, जहां वह संस्थान स्थित है। इसके साथ ही मंत्रालय ने सभी संस्थानों से कहा है कि वे नए ड्रेस कोड का प्रस्ताव मंजूरी लेने के लिए मंत्रालय को जमा कराएं