एटीआर की सड़कों पर नजर आने लगा बाघ….मवेशी का शिकार करते प्रबंधन ने किया फ़ोटो कैप्चर
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व से राहतभर खबर सामने आई है। अब जंगल के अंदर के अलावा सड़कों पर बाघ का मूमेंट हो रहा है। दो दिन पहले बीच सड़क पर मवेशी का शिकार करते एक बाघ का वीड़ियों आया है। प्रबंधन इससे खुश है और यह दावा भी कर रहा है कि आने वाले दिनों में एक या दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बाघ विचरण करते नजर आएंगे।
अचानकमार को टाइगर रिजर्व 2009 में घोषित किया। यह बिलासपुर या मुंगेली जिले के लिए बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि थी। इस उपलब्धि में तत्कालीन वन अफसरों का बड़ा हाथ है। हालांकि जब टाइगर रिजर्व घोषित हुआ, उस समय इस बात को लेकर खूब आलोचना होती थी कि यहां बाघ नहीं है। इसके बावजूद टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। अब धीरे- धीरे बाघों की संख्या बढ़ रही है। लगातार ट्रैप कैमरे भी उनकी तस्वीर कैद हो रही है। यह तस्वीर जंगल के अंदर से आती रही है। प्रबंधन को जगह भी मालूम है। लेकिन, स्थल को गोपनीय रखा गया। कहीं न कहीं इसकी वजह बाघों की सुरक्षा है। इसके अलावा मुख्य मार्ग पर प्रतिबंध को भी एक कारण माना जाता है। टाइगर रिजर्व के बीच से लोक निर्माण विभाग की सड़क निकली है, जो मध्य प्रदेश को जाती है। वाहनों की आवाजाही के कारण वन्य प्राणी प्रभावित होते थे। लेकिन, अब इस पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसी का असर अब दिखने लगा है। वन्य प्राणी जंगल के अंदर से बाहर सड़क पर आ रहे हैं। चीतल, बाइसन के अलावा अब तक कई तरह के वन्य प्राणी सड़क पर नजर आए हैं। यह पहली बार है, जब बाघ का मवेशी का शिकार करता वीड़ियों वायरल हुआ है। वीड़ियों देखकर प्रबंधन ने जगह भी चिंहित कर लिया है। लेकिन, सुरक्षा के मद्देनजर स्थान को गाेपनीय रखा गया है। प्रबंधन का यह मानना है अब तो एक ही बाघ नजर आया है। आने वाले दिनों में संख्या अधिक नजर आएगी। बड़े- बड़े टाइगर रिजर्व की तरह यहां भी पर्यटक बाघों का भरपूर लुत्फ उठा सकेंगे।
बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने एक अच्छा प्रयास किया है। महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश से दो बाघिन व एक बाघ लाने की योजना है। इसकी सहमति भी मिल चुकी है। बहुत जल्द यह प्रक्रिया पूरी होगी। इसके साथ ही टाइगर रिजर्व के अंदर बचे 19 गांवों का विस्थापन भी किया जाएगा। तीन गांव को विस्थापित करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।