सावन का पहला सोमवार आज, नोट कर लें शिव पूजा मुहूर्त, विधि..
भगवान शिव को समर्पित सावन का पहला सोमवार आज है पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन के महीने में ही शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने घोर तपस्या की थी। सावन में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूरे शिव परिवार की उपासना की जाती है।
इस साल लगभग 72 सालों के बाद सावन कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। सर्वार्थसिद्धि योग, प्रीति योग, आयुष्मान योग का ऐसा संयोग इससे पहले 1953 में बना था। सावन माह में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक करने का शुभ मुहूर्त, मंत्र और सही विधि-
स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद भगवान शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान कर रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें। मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और उत्तर की दिशा में स्थापित करें।
रुद्राभिषेक करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए इस विधि की शुरुआत करें। सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद गन्ने के रस, गाय के कच्चे दूध, शहद, घी और मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें।
हर सामग्री से अभिषेक करने से पहले और बाद में पवित्र जल या गंगाजल चढ़ाएं। प्रभु पर बिल्व पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर का फूल, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल अर्पित करें। इसके बाद शिव परिवार सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें। प्रभु को भोग लगाएं। पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी की आरती करें।
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त
भगवान शिव का रुद्राभिषेक 22 जुलाई के दिन अभिजीत मुहूर्त में 12:00 पी एम से 12:55 पी एम और 12:46 पी एम से 01:10 पी एम तक भी कर सकते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं।