(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर: लगातार एक पखवाड़े से 44 और 45 प्लस गर्मी से परेशान बिलासपुर के लोग हर दिन मानसून को तरस रहे हैं। जरूरी भी है। गांव के लोगों को तो खेती किसानी के लिए मानसून और बादल बरसा का इंतजार है।। लेकिन यहां शहर में भीषण गर्मी से परेशान लोगों का यह हाल है कि कब बारिश पानी शुरू हो और भीषण गर्मी से राहत मिले।
हालांकि दूबरे बर दू असाढ की तरह मानसून आने के नाम से ही अपना डेरा झंडा संभाले बिजली विभाग के लोग कभी इधर कभी उधर बिजली गुल कर मरम्मत…? का काम कर चुऊ हैं। लगातार 44 और 45 प्लस गर्मी के कारण शहर में चोरी-छिपे और ऐसे ही ऐलानिया लगाए गए “एसी” भी यह एहसास कराते हुए घुटने टेक चुके हैं कि अब नहीं सकौ ददा..!
भीषण गर्मी ने जब उसकी भी हालत खराब कर रखी है। त़ो कूलर और पंखों की बिसात ही क्या..? वृक्षों के पौधों ने भी मानों कसम खा रखी है कि जब तक मानसून नहीं आएगा और बारिश नहीं होगी। तब तक वो भी हिलेंगे-डूलेंगे नहीं। जाहिर है कि ऐसे में शहर के लोग राम राम करते हुए मानसून और बारिश पानी के इंतजार में बेसब्र हो चुके हैं।
लेकिन बिलासपुर की सच्चाई यह है कि यहां के लोगों को मानसून और बारिश पानी का सिलसिला शुरू होने के बाद भी राहत नहीं मिलेगी। आज वो मानसून तथा बारिश की राहत भरी बौछार के लिए तरस रहे हैं।
तो कल को अगर मानसून आ धमका, तो बिलासपुर के यही लोग जो आज बारिश पानी के लिए तरस है वह कल को बिजली आपूर्ति लाइट गोल होने सेठ जी आप अपनी जात पाने के लिए रोते दिखाई देंगे। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी की कल भी यही सच्चाई थी… आज भी है… और आगे भी रहेगी।