छत्तीसगढ़

उद्धव निपटे, अब पवार की बारी,NCP का फैसला करेंगे स्पीकर..

(शशि कोंन्हेर) : महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार को अयोग्यता संबंधी कई याचिकाओं का निपटारा कर दिया। ये याचिकाएं शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दायर की गई थीं। अब प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट द्वारा दायर याचिकाओं की बारी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक नार्वेकर को इन याचिकाओं पर 31 जनवरी तक फैसला लेना होगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सचिवालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई से जुड़ी कार्यवाही 6 जनवरी को शुरू हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि 18 जनवरी को या उससे पहले, इसमें शामिल सभी पक्ष गवाहों और हलफनामों की सूची का आदान-प्रदान करेंगे। गवाहों की क्रॉस-एग्जामिनेशन 20 जनवरी को आयोजित की जाएगी, जबकि उत्तरदाताओं की क्रॉस-एग्जामिनेशन 23 जनवरी को होगी। अंतिम सुनवाई 25 जनवरी से शुरू होगी और 27 जनवरी को समाप्त होगी। स्पीकर उसके बाद अपना फैसला सुनाएंगे।

एनसीपी (अजीत पवार गुट) के प्रमुख सुनील तातकेरे ने कहा कि एनसीपी का केस शिवसेना से अलग है। इस केस में व्हिप की वैधता को लेकर सवाल है कि क्या प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा जारी की गई व्हिप कानूनी रूप से मान्य थी या नहीं। उन्होंने कहा, “एनडीए की एक बैठक में भाग लेने के बाद हमारे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई थी।”

अजित पवार गुट ने पहले ही इस याचिका के साथ चुनाव आयोग से संपर्क किया है। याचिका में कहा गया है कि अजित पवार को एनसीपी के प्रमुख के रूप में मान्यता दी गई है और घड़ी का चुनाव-चिन्ह उनके गुट को आवंटित किया जाए। ईसी ने सभी पक्षों को सुना है और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। एनसीपी शरद पवार गुट के जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अजित ने संविधान के 10 वें शेड्यूल का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, “अजित और उनके आठ सहयोगियों ने शिंदे सरकार में 2 जुलाई, 2023 को कैबिनेट सदस्यों के रूप में शपथ ली। इसलिए, हमने 10वीं अनुसूची के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की।”

इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत देते हुए बुधवार को कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूह अस्तित्व में आये तो शिवसेना का उनके (शिंदे के) नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था। राहुल नार्वेकर ने करीब 105 मिनट तक आदेश के अहम बिंदू पढ़ते हुए शिंदे समेत 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की उद्धव ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी।

जैसे ही नार्वेकर ने आदेश पढ़ना समाप्त किया, मुख्यमंत्री शिंदे के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया और पटाखे फोड़े। जबकि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे व संजय राउत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।

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