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उद्धव ठाकरे का भतीजा भी शिंदे खेमें में हुआ शामिल, ठाकरे परिवार के कुछ और नाम सामने आ रहे

(शशि कोन्हेर) : एक तरफ उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दगाबाज मुख्यमंत्री बताकर उनका अपमान करते नहीं थक रहे हैं, दूसरी ओर उनका खुद का परिवार भी उनसे संभलता नहीं दिख रहा है। उनके सगे संबंधी भी अब एकनाथ शिंदे गुट से जुड़ने लगे हैं। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सगे भतीजे निहार ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी।

निहार को अपने कैंप में ठाकरे के तौर पर खड़ा कर सकते हैं शिंदे

निहार उद्धव के सबसे बड़े भाई बिंदुमाधव ठाकरे के पुत्र व महाराष्ट्र के मंत्री रहे हर्षवर्धन पाटिल के दामाद हैं। बिंदुमाधव ठाकरे की एक सड़क दुर्घटना में 1996 में मौत हो गई थी। उसके बाद से उनकी पत्नी माधवी अपने पुत्र निहार व पुत्री नेहा के साथ राजनीति से दूर ही रह रही थीं।

अब पहली बार निहार के रूप में उनके परिवार से कोई राजनीति में आ रहा है, वह भी उद्धव ठाकरे के विरोधी गुट से। माना जा रहा है कि अब एकनाथ शिंदे निहार को अपने कैंप के ठाकरे के तौर पर खड़ा करेंगे। जो उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य का जवाब होगा।

उद्धव की भाभी स्मिता भी मिल चुकी हैं सीएम शिंदे से

इससे दो दिन पहले ही उद्धव ठाकरे की मंझली भाभी व बाला साहब ठाकरे के दूसरे पुत्र जयदेव ठाकरे की पत्नी स्मिता ठाकरे भी मुख्यमंत्री शिंदे मिलने पहुंची थीं। राज्य अतिथिगृह सह्याद्रि में हुई इस मुलाकात को स्मिता ठाकरे ने शिष्टाचार मुलाकात करार दिया था। एक शिवसैनिक के रूप में एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए स्मिता ने कहा था कि मैं उनके काम को वर्षों से जानती हूं। अब शिंदे मुख्यमंत्री बन गए हैं, इसलिए मैं उन्हें बधाई देने आई हूं।

स्मिता ठाकरे खुद भी राजनीति में गहरी रुचि रखती रही हैं। 1999 में नारायण राणे के शिवसेना-भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बनने के बाद स्मिता ठाकरे काफी सशक्त मानी जाने लगी थीं, लेकिन परिवार में उद्धव ठाकरे से उनकी पटरी कभी नहीं खाई। यही कारण रहा कि बाद में उन्हें ठाकरे परिवार के बांद्रा स्थित निवास ‘मातोश्री’ से बाहर जाना पड़ा था।

राज ठाकरे की मनसे से हो सकता है गठबंधन

उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे तो वर्षों पहले ही शिवसेना से बगावत कर अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं। हाल में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से उन्होंने खुलकर शिंदे का साथ आने का कोई संकेत तो फिलहाल नहीं दिया है, लेकिन कुछ दिनों पहले ही उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके घर जाकर मुलाकात की थी।

इस मुलाकात के गहरे अर्थ लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में भाजपा शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट व राज ठाकरे की मनसे को साथ लेकर कोई राज्य स्तरीय गठबंधन तैयार कर सकती है। यदि भाजपा की यह रणनीति कामयाब रही, तो उद्धव ठाकरे का छिटका परिवार इस गठबंधन को और मजबूती देने का प्रयास करेगा।

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