बोले कका…घर के बाहर मोर बहुत पावर हे… लेकिन घर के भीतर मोर पावर नहीं चलै तुंहर काकी के चलथे
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – घर के बाहर मोर बहुत पावर हे, घर पहुंचत ही मोर सब्बो पावर ह खत्म हो जाथे, घर में तुंहर काकी के चलथे, वो न मोर काम मा दखल देथे, अउ ना मेहा ओखर काम मा। ये बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनएसयूआइ की तरफ से पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में आयोजित ‘बात हे स्वाभिमान के हमर पहली मतदान के’ कार्यक्रम में कही।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे थे। एनएसयूआइ महिला कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से पूछा कि हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है, आपके जीवन में कौन महिला है? मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा- तुंहर काकी के हाथ हे, वो ह भिलाई में हवे। जब मैं राजनीति में आया तो काम बांट लिया, घर के निर्णय वो लेती है। घर के कामों में मैं कोई दखल नहीं देता, बाहर के काम में काकी नहीं देती है। घर पहुंचते ही मेरे सारे पावर समाप्त हो जाते हैं।
कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से छात्र राजनीति से जुड़ी यादगार घटना को साझा करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा, मेरी राजनीति की शुरुआत युवा कांग्रेस से हुई है। उस समय गांव में एनएसयूआइ नहीं होती थी। स्कूल में पढ़ाई करते थे। स्कूल में शिक्षक नहीं होने और सुविधाओं में कमी होने पर आंदोलर कर देते थे। साइंस कालेज में पढ़ने के दौरान एक बार हमने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिए थे, उस समय अजीत जोगी कलेक्टर हुआ करते थे। वो खुद जाम खुलवाने के लिए आए थे।