केन्द्रीय विद्यालय की अनूठी पहल -पुस्तकोपहार
केन्द्रीय विद्यालय बिलासपुर में नए शिक्षा सत्र 2023-24 का शुभारंभ अत्यंत अनूठे अंदाज़ में हुआ।
के वि की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप सत्र में पुस्तकोपहार समारोह आयोजित किया गया। पुस्तकोपहार अर्थात पुस्तक का उपहार। इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ विद्यार्थी अपने कनिष्ठ विद्यार्थियों को उनकी कक्षा की समस्त पुस्तके उपहार में देते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किए गए ।
कार्यक्रम का आरम्भ माँ शारदे की आराधना के साथ हुआ। पुस्तकाध्यक्ष सुरभि कुमारी ने पुस्तकोपहार के संदर्भ में केंद्रीय विद्यालय संगठन के पुनीत उद्देश्य को अत्यंत सारगर्भित रूप से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के समक्ष प्रस्तुत किया। कक्षा बारहवीं के प्रतिभाशाली छात्र अक्षय आनंद ने अपने प्रेरक संभाषण में पुस्तकों के महत्व व योगदान को विद्यार्थी जीवन की सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति बताया। नन्ही सी विद्यार्थी आर्या ने अपनी कविता से सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया। कविता का शीर्षक था- किताबें कुछ कहना चाहती हैँ -तुम्हारे पास रहना चाहती हैँ. विद्यालय के प्राचार्य धीरेंद्र कुमार झा ने कहा कि पुस्तकोपहार के द्वारा हम पर्यावरण संरक्षण की आज की सबसे बड़ी चुनौती को दूर कर सकते हैं। यह हरित वसुंधरा का पावन सन्देश भी देता है। विद्यार्थियों द्वारा अपने कनिष्ठ साथियों को पुस्तक भेंट करना उनमें सामाजिकता की भावना का प्रसार करता है। भारत की श्रेष्ठ सांस्कृतिक परम्परा में दान एवं प्रतिदान दोनों को आवश्यक जीवन मूल्य माना गया है। उन्होंने कहा कि पुस्तक हमारी सबसे अच्छी मित्र व मार्गदर्शक हैं, जो हमें मंज़िल की ओर ले जाती हैं.
कार्यक्रम का संचालन माला शर्मा ने किया व धन्यवाद ज्ञापन खलिक अहमद सिद्दीकी ने किया।
कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय के शिक्षक तारा यादव, सौमेनदास गुप्ता, रणवीर कुमार,लैला कुमारी, भूमिका क्षेत्रपाल, शैलजा श्रीवास्तव, प्रियंका कुमारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।