शादी का न्योता ले ताई सोनिया के घर गए थे वरुण गांधी, लेकिन… राहुल की ‘मोहब्बत की दुकान’ पर बीजेपी की लंबी-चौड़ी चिट्ठी
(शशि कोन्हेर) : कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ‘मोहब्बत की दुकान’ वाले बयान के बाद कई भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। कर्नल राज्यवर्धन राठौर (सेवानिवृत्त), परवेश साहिब सिंह और पूनम महाजन जैसे भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की आलोचना की।
कांग्रेस नेता पर अमेरिका में देश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं ने ‘कांग्रेस की नफरत’ के राजनीतिक उदाहरणों को गिनवाया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि आपके लिए ‘मोहब्बत’ का क्या महत्व है? यह आपके व्यक्तिगत संबंधों में देखा जा सकता है।
भाजपा नेताओं ने चिट्ठी में जिक्र करते हुए राहुल गांधी से कहा, “आपके भाई वरुण गांधी ने आपको और आपकी मां सोनिया गांधी को आमंत्रित किया था। क्या आपको याद है कि ‘मोहब्बत का रिश्ता’ निभाते हुए न तो आप और न ही आपकी मां शादी में शामिल हुईं।”
अपनी चिट्ठी में बीजेपी नेताओं ने लिखा, “सबसे ज्यादा नफरत की दुकान कांग्रेस के समय में हुई थी, सबसे ज्यादा दंगे आपके समय में हुए थे। जिस तरह से आपके परिवार ने आपकी पार्टी के सदस्यों के साथ व्यवहार किया, परिवार के अन्य सदस्य के साथ रिश्ते दिखाते हैं कि आप किस ‘मोबहत के दुकान’ की बात करते हैं।”
पूर्व पीएम राजीव गांधी के 19 नवंबर 1984 के भाषण का जिक्र करते हुए बीजेपी नेताओं ने कहा, ‘जरा सोचिए, आपके पिता की ‘मोहब्बत की दुकान’ में 1984 के दंगों में पीड़ित लोगों के लिए दो शब्द भी खर्च नहीं किए गए और जगदीश टाइटलर अभी भी आपके परिवार के बहुत करीब है।”
चिट्ठी में बीजेपी नेताओं ने लिखा, “राहुल जी, जब आप मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं, तो आपकी दादी की तरफ से लगाया गया आपातकाल हमारी आंखों के सामने आपकी ‘मोहब्बत’ को कॉमेडी बन गया है… नेहरू जी ने कवि मजरूह सुल्तानपुरी को बिना किसी कारण के कैद कर लिया…”
नेताओं ने चिट्ठी में कहा, “गांधी-नेहरू परिवार के बाहरी सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष बने, जैसे आज मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। प्रणब मुखर्जी को बख्श दें जिन्होंने सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ किया। जब प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, तब न तो आप और न ही सोनिया गांधी मौजूद थीं।
चिट्ठी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का जिक्र है। इसमें कहा गया है, “वरिष्ठ नेताओं का अपमान करना कांग्रेस के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। याद रखें कि आपने गुलाम नबी आजाद के साथ क्या किया। क्योंकि उन्होंने आपकी पार्टी को सिर्फ आईना दिखाने का काम किया था।”