ऑक्सफोर्ड का बुलावा ठुकराकर वरुण गांधी का राहुल पर परोक्ष वार, बोले- विदेश में सरकारी नीतियों की आलोचना सही नहीं
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली। समय-समय पर अपनी ही सरकार के निर्णयों पर प्रश्न खड़े करने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी को बेशक अभी भी मोदी सरकार की प्रशंसा करने में हिचक है, लेकिन वह विदेशी धरती से आलोचना के खिलाफ हैं। राहुल को कैंब्रिज से निमंत्रण आया था, जहां भारतीय लोकतंत्र पर उठाए गए सवाल के बाद वह घेरे में हैं।
वहीं, वरुण को ऑक्सफोर्ड से निमंत्रण आया तो उन्होंने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उन्हें कई मुद्दों पर असहमति हो सकती है, लेकिन वह विदेश जाकर सरकारी की नीतियों की आलोचना को सही नहीं मानते हैं। आंतरिक चुनौतियों पर बाहर विमर्श राष्ट्रहित के खिलाफ है।
उन्होंने बेशक राहुल का नाम नहीं लिया, लेकिन अपनी राय जरूर स्पष्ट कर दी कि कैंब्रिज में राहुल के बयानों को वह गलत मानते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनियन के प्रेसीडेंट मैथ्यू डिक की ओर से ‘मोदी का भारत सही रास्ते पर है’ विषय पर चर्चा के लिए निमंत्रण आाया था।
इस निमंत्रण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व में मजबूत हुई भारत की छवि, तमाम सुधारों की बात है तो चर्चा के लिए यह बिंदु भी शामिल कर दिए गए हैं कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि मोदी प्रशासन से किसान असंतुष्ट हैं, भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और सांप्रदायिक समूहों के बीच टकराव की स्थिति है।
ऑक्सफोर्ड यूनियन के इस निमंत्रण को वरुण गांधी ने अस्वीकार कर दिया है। पिछले कुछ महीनों से सरकार की आलोचना कर रहे वरुण ने विकास का श्रेय पिछले सात दशकों की सभी सरकारों को दिया, लेकिन अपने विचार अंतरराष्ट्रीय मंच से प्रसारित करने को सही नहीं मानते हुए इसे अस्वीकार कर दिया।